पेपर लीक कानून के नियम हो गए जारी, मोदी सरकार के इस कदम से छात्रों का संवर जाएगा भविष्य! जानें हर प्रावधान

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024, जिसमें सरकारी भर्ती परीक्षाओं में कदाचार और संगठित धोखाधड़ी के लिए पांच साल तक की कैद और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है, को केंद्र सरकार ने 21 जून से लागू करने के लिए अधिसूचित किया है।

paper leak law

पेपर लीक कानून के नियमों को मोदी सरकार ने किया जारी

मुख्य बातें
  • हाल के दिनों में कई परीक्षाओं का हो चुका है पेपर लीक
  • नीट पेपर लीक विवाद से सवालों के घेरे में है मोदी सरकार
  • नीट विवाद के बाद कई परीक्षाएं हो चुकी हैं कैंसिल
मोदी सरकार ने नए पेपर लीक कानून के नियमों का जारी कर दिया है। इस कानून के आने के बाद से पेपर लीक करने वालों पर लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे छात्रों का भविष्य खराब होने से बच जाएगा। हाल के दिनों में कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, जिसके कारण मोदी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

क्या हैं पेपर लीक कानून के नियम

  • नियमों में कहा गया-राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी, केंद्र सरकार की ओर से हितधारकों के परामर्श से परीक्षा के कंप्यूटर आधारित माध्यम के लिए मानदंड और दिशानिर्देश तैयार करेगी, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
  • इनमें सार्वजनिक परीक्षा केंद्रों के पंजीकरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया, कम्प्यूटर आधारित परीक्षा केंद्रों के भीतर स्थान की आवश्यकता, बैठक व्यवस्था, कम्प्यूटर नोड्स की विशिष्टताएं और लेआउट, सर्वर और नेटवर्क अवसंरचना के लिए विशिष्टताएं तथा कम्प्यूटर आधारित परीक्षा के संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म की विशिष्टताएं समेत अन्य शामिल होनी चाहिए।
  • परीक्षा-पूर्व गतिविधियां, जैसे सार्वजनिक परीक्षा केंद्रों की परीक्षा तैयारी के लिए पूर्व-ऑडिट, अभ्यर्थियों की जांच, बायोमेट्रिक पंजीकरण, सुरक्षा और जांच, सीट आवंटन, प्रश्न-पत्र सेट करना और लोड करना, परीक्षा में निगरानी, परीक्षा के बाद की गतिविधियों से संबंधी दिशानिर्देश भी मसौदा मानदंडों का हिस्सा होंगे।
  • नये नियम सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकार को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सरकारी विश्वविद्यालयों, स्वायत्त निकायों और अन्य सरकारी संगठनों के सेवारत या सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं केंद्र समन्वयक के तौर पर लेने या उन्हें किसी अन्य सार्वजनिक परीक्षा से संबंधित कार्य सौंपने की अनुमति देते हैं।
  • इनमें अनुचित साधनों या अपराधों की घटनाओं की रिपोर्टिंग के प्रावधानों और लोक सेवक के संबंध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का भी उल्लेख किया गया है।
  • नियमों में कहा गया है कि इस उद्देश्य के लिए सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकार द्वारा एक समिति गठित की जा सकती है जिसका नेतृत्व संयुक्त सचिव या समकक्ष पद से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा और इसमें सार्वजनिक परीक्षा प्राधिकार का एक वरिष्ठ अधिकारी और प्राधिकार द्वारा नामित एक विशेषज्ञ शामिल होगा।

एनआरए को मिला बड़ा दायित्व

हाल में अधिसूचित किए गए पेपर लीक रोधी कानून के तहत नियम को सोमवार को सार्वजनिक किया गया। इस कानून के तहत राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) को कंप्यूटर आधारित परीक्षा के लिए नियम, मानक और दिशानिर्देश तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के लागू होने के कुछ दिनों के भीतर ही नियमों को अधिसूचित कर दिया गया। यह विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए अनुचित साधनों के इस्तेमाल के खिलाफ पहला राष्ट्रीय कानून है।

एनआरए क्या है

एनआरए को सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का अधिकार है। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को मार्च 2022 में एनआरए का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। खरोला को शनिवार को विवादों में घिरी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।

पेपर लीक कानून के तहत सजा

सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को नौ फरवरी को राज्यसभा ने और छह फरवरी को लोकसभा ने पारित किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे यह कानून बन गया। इस कानून का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल को रोकना है। इसमें धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए न्यूनतम तीन से पांच वर्ष के कारावास तथा धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited