आसमां से जमीं तक...दहलाकर आतंक का यह तकनीक कर देती है अंत: इंडिया ही नहीं, इजरायल भी करता है यूज़

Apache Attack Helicopter: दिखने में भले ही यह किसी और चॉपर ऐसा लगता हो, मगर यह सामान्य हेलीकॉप्टर्स से खासा अलग है। एएएच का इंजन बेहद ताकतवर माना जाता है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Apache Attack Helicopter: अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर यानी एएएच...यह सिर्फ चॉपर नहीं बल्कि आतंक और आतंकियों को दहलाकर उनका खेल खत्म करने वाली चलती-फिरती और उड़ती मशीन है। यह आसमान से जमीन तक जब कहर ढाती है, तब दुश्मन थर्र-थर्र कांप उठता है। इंडिया के अलावा दुनिया के कुछ और मुल्क भी इसका यूज करते हैं, जिनमें इजरायल का नाम भी शामिल है। गाजा पट्टी में चरमपंथी संगठन हमास के ठिकानों पर हाल-फिलहाल में इसी हथियार या तकनीक से हमले किए गए थे। आइए, जानते हैं इसकी खासियत और खूबियों के बारे में:

दिखने में भले ही यह किसी और चॉपर ऐसा लगता हो, मगर यह सामान्य हेलीकॉप्टर्स से खासा अलग है। एएएच का इंजन बेहद ताकतवर माना जाता है। यह जब ग्राउंड अटैक करता है, तब सैनिकों को एरियल सपोर्ट भी देता है। इस सपोर्ट का यहां अर्थ है- यह बताता है कि आतंकी कहां कहां छिपे हैं...यह इस दौरान उनका पता लगाता है। साथ ही उनके अड्डे तबाह करता है।

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कभी एएच 64 डी ब्लॉक थ्री नाम से पुकारे जाने वाले इस चॉपर का आधिकारिक नाम अब एएच 64ईएस अपाचे हेलीकॉप्टर है, जो कि अत्याधुनिक डिजिटल कनेक्टिविटी से लैस है। फेस गेयर ट्रांसमिशन के अलावा इसमें ज्वॉइंट टेक्निकल इन्फॉर्मेशन ड्रिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम भी है।

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यही नहीं, 58.2 फुट लंबे और 12.8 फुट ऊंचे एएएच चॉपर को उड़ाकर इसके साथ एक समय पर साथ में कई सारे ड्रोन्स को भी उड़ाया जा सकता है। समझा जा सकता है कि इस चॉपर के जरिए उन ड्रोन्स को कंट्रोल कर के दुश्मन और उसके अड्डे को नेस्तनाबूद किया जा सकता है। हालांकि, इस चॉपर को चलाने के लिए एक नहीं बल्कि दो पायलट्स चाहिए होते हैं।

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