24 घंटे के लिए मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना ये नेता; पढ़ें कुर्सी मिलने से छिनने तक का किस्सा
Madhya Pradesh Political Story: नाम था अर्जुन सिंह, जो तीन बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। दूसरे बार जब उन्होंने सीएम पद की शपथ ली तो अगले ही दिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था। ऐसा क्या हुआ था जो पांच साल तक CM रहने के बाद जब वो दोबारा सत्ता में लौटे तो 24 घंटे में ही कुर्सी छोड़नी पड़ी। पढ़िए पूरा किस्सा...
जब एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे अर्जुन सिंह।
Arjun Singh Story: मध्य प्रदेश की सियासत किस ओर करवट लेने वाली है शुरू से ही इसका अंदाजा लगा पाना भी बेहद मुश्किल रहा है। 67 सालों के इतिहास में 32 बार सूबे के मुख्यमंत्री बदल चुके हैं, तीन बार राष्ट्रपति शासन लगा और सबसे दिलचस्प बात ये है कि सिर्फ चार ही मुख्यमंत्री ऐसे रहे, जिन्होंने अपने 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया। इन दिग्गजों में अर्जुन सिंह का नाम भी शामिल है, मगर इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ जो पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद जब वो दोबारा सत्ता में लौटे तो 24 घंटे में ही कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी।
जब एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने अर्जुन सिंह
साल 1980 की बात है, चुरहट रियासत के अर्जुन सिंह ने 9 जून को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। सूबे के सियासी इतिहास में उस वक्त तक सिर्फ एक ही ऐसे सीएम हुए थे, जिन्होंने अपने 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया था। अर्जुन सिंह का नाम इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर दर्ज होने जा रहा था। 5 सालों का कार्यकाल पूरा करने के बाद जब दोबारा चुनाव हुए तो कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की 11 मार्च 1885 को अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली, मगर अगले ही दिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। बताया जाता है कि शपथ के बाद वो राजीव गांधी के पास पहुंचे थे, इसी मुलाकात में कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने अगले ही दिन अपना इस्तीफा दे दिया।
राजीव गांधी ने अर्जुन सिंह से ऐसा क्या कह दिया?
बताया जाता है कि शपथ के बाद अर्जुन सिंह राजीव गांधी से मिलने प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। दिल्ली में हुई इस मुलाकात के दौरान अर्जुन सिंह ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के नामों की लिस्ट राजीव के सामने पेश की। इसी बीच राजीव ने अर्जुन का हाथ पकड़ लिया और बोले आपको पंजाब का राज्यपाल बनना है। ये सुनते ही राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री के चेहरे पर हैरानी आ गई वो बिल्कुल ही खामोश रह गए। राजीव की बात का सम्मान करते हुए अर्जुन सिंह ने तुरंत हां कर दिया। हालांकि राजीव गांधी ने अर्जुन सिंह को ये मौका दिया कि अगर वो किसी से बात करना चाहें तो कर लें, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
राजीव गांधी ने अर्जुन सिंह से पूछा अगले सीएम का नाम
अर्जुन सिंह से राजीव गांधी ने उस वक्त ये पूछा कि अगले मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के लिए आपकी पहली पसंद कौन है? बातचीत हुई और थोड़ी देर में अर्जुन सिंह ने अपने बेटे अजय सिंह को बोला कि वे मोतीलाल वोरा को लेकर एयरपोर्ट पहुंच जाएं। अर्जुन सिंह जिस विमान से दिल्ली पहुंचे थे, वही विमान वापस भोपाल गया और अजय सिंह के साथ मोतीलाल वोरा दिल्ली आ गए। दोनों को इस बात की भनक तक नहीं थी कि दिल्ली में आखिर हो क्या रहा है।
आखिर क्यों अर्जुन सिंह से राजीव गांधी ने की थी ये पेशकश
कहा जाता है कि मोतीलाल वोरा ने रास्तेभर अजय सिंह से कैबिनेट मंत्री पद के लिए सिफारिश करने की बात करते रहे, ये दावा खुद अर्जुन सिंह के बेटे करते हैं। दोनों जब दिल्ली पहुंचे तो राजीव गांधी से मुलाकात हुई। मोतीलाल वोरा के सीएम बनने की घोषणा कर दी गई। और ऐसे शपथ लेने के एक दिन बाद अर्जुन सिंह ने 12 मार्च को इस्तीफा दे दिया। हालांकि वो तीसरी बार 14 फरवरी 1988 को तीसरी बाद मुख्यमंत्री बने। बताया जाता है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सरकार के लिए पंजाब की परेशानी सबसे बड़ी चुनौती बनती जा रही थी। राजीव गांधी को एक कुशल प्रशासक की जरूरत थी, जो वहां का विवाद सुलझाने में सक्षम हो। इसी के चलते राजीव ने अर्जुन के सामने ये पेशकश की और वो तुरंत मान गए।
फिल्मों में काम करना चाहते थे अर्जुन सिंह
5 नवंबर 1930 को मध्य प्रदेश के सीधी जिले के चुरहट कस्बे में जन्मे अर्जुन सिंह के पिता राव शिवबहादुर सिंह भी सियासत से जुड़े थे। अर्जुन सिंह पहली बार 1957 में विधायक बने थे। बताया जाता है कि वो फिल्मों में काम करना चाहते थे। साल 1963 में वो मध्य प्रदेश की द्वारका प्रसाद सरकार में कृषि मंत्री बने और जनसंपर्क मंत्री भी रहे। अर्जुन सिंह वर्ष 1972 से 1977 तक शिक्षा रहे और कांग्रेस की हार के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। वर्ष 2000 में अर्जुन सिंह को उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वो मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे, बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था। 80 वर्ष की आयु में 4 मार्च 2011 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें
लोकसभा में क्या कुछ होने वाला है बड़ा? 13-14 दिसंबर के लिए BJP और कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया व्हिप
राज्यसभा में विपक्ष के बोलने का अधिकार और विचारों की अभिव्यक्ति का हनन आम बात, बिफरे मल्लिकार्जुन खरगे
क्यों डिप्टी सीएम बनने के लिए तैयार हुए थे देवेन्द्र फडणवीस? इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के मंच पर खुद किया खुलासा
'बात करते समय मत लीजिए मेरी फोटो...' One Nation One Election पर बात करते हुए कंगना रनौत ने हाथ उठाकर टोका
जब अटल जी ने कर लिया था मुझे तलब...फडणवीस ने सुनाया मॉडलिंग से जुड़ा वो दिलचस्प किस्सा
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited