LAC पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स संग युद्धाभ्यास में जुटी सेना, चीन से निपटने को पूर्वी लद्दाख में होगी ये रणनीति

Indian Army: भारतीय सेना ने इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को पूरी तरह से एक्टिव कर दिया है। इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स याने ऐसे समूह जिनमें आर्मड, इन्फेंट्री, आर्टिलरी इंजीनियर समेत अलग-अलग माउंटेन स्ट्राइक कोर और डिवीजन को इंटीग्रेट कर दिया गया है। ये बैटल ग्रुप्स लड़ाई के लिए महज 12 से 48 घंटे के बीच अपने पूरे साजो सामान और हथियारों के साथ मोबिलाइज हो सकते हैं। इनकी आक्रामकता और रणनीति भी खास तरह से तैयार की गई है।

LAC पर इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स संग युद्धाभ्यास में जुटी सेना।

मुख्य बातें

  1. भारतीय सेना के लगभग 50,000 जवान LAC के आसपास तैनात
  2. भारतीय सेना ने इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स को पूरी तरह से किया एक्टिव
  3. चीन ने पिछले 2 सालों में सर्दियों में एलएसी के पास अपने कई सैनिक खोए

Indian Army: भारतीय सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Control) पर अपने तीसरे विंटर हॉल की तैयारी तेज कर दी है। साल 2020 के जून महीने में गलवान में हुए खूनी संघर्ष के बाद भारतीय सेना ने लद्दाख के विषम इलाकों में अपने सैनिकों की संख्या में अभूतपूर्व इजाफा कर दिया था। भारतीय सेना के लगभग 50,000 जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास तैनात है। इसके अलावा 200,000 जवानों को इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स बनाकर युद्ध के लिए तैयार रखा गया है।

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भारतीय सेना के लगभग 50,000 जवान एलओसी के आसपास तैनात

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पिछले 2 सालों में यहां आर्मी सोल्जर्स के लिए सर्दियों में खास इंतजाम किए गए हैं। विशेष विंटर क्लॉथिंग और विंटर शेल्टर्स भी तैयार किए गए हैं। इस साल भी सर्दियों से पहले अपने लॉजिस्टिक्स के अलावा अपने युद्ध कौशल को और बेहतर बनाने के लिए भारतीय सेना लगातार हाय एल्टीट्यूड एरियाज में युद्ध अभ्यास कर रही है। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से सटे हुए भारतीय सेना के इलाके अलग-अलग फॉरमेशंस के बजाए सम्मिलित होकर युद्ध के लिए खुद को तराश रहे हैं।

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