मणिपुर में कैसे सुरक्षाबलों के अभियान को रोक रहीं महिला एक्टिविस्ट, सेना ने वीडियो जारी कर बताया

Manipur Violence News : हजारों की संख्या में इन महिला एक्टिविस्टों ने सेना के काफिले को घेराव कर उग्रवादियों को छुड़ाया है। अब सेना ने एक वीडियो जारी कर यह बताया है कि ये महिलाएं कैसे उनके अभियान में बाधा बन रही हैं। सेना ने मणिपुर के लोगों से सहयोग करने की अपील की है।

Manipur Violence : मणिपुर में जारी हिंसा पर रोक लगाने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बल और राष्ट्रीय राइफल के जवान तैनात हैं। राज्य में उपद्रवियों एवं उग्रवादियों पर नकेल कसने के लिए सेना की ओर से चलाए जा रहे अभियानों में एक बड़ी बाधा वहां की महिला एक्टिविस्ट बनी हैं। हजारों की संख्या में इन महिला एक्टिविस्टों ने सेना के काफिले को घेराव कर उग्रवादियों को छुड़ाया है। अब सेना ने एक वीडियो जारी कर यह बताया है कि ये महिलाएं कैसे उनके अभियान में बाधा बन रही हैं। सेना ने मणिपुर के लोगों से सहयोग करने की अपील की है।

'हमारी मदद कर मणिपुर की मदद करें'

सेना की स्पीयर कोर ने सोमवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'मणिपुर की महिला एक्टिविस्ट जानबूझकर रास्तों में अवरोध पैदा करने के साथ-साथ सुरक्षा बलों के अभियान में दखल दे रही हैं। जीवन एवं संपत्तिया बचाने जैसी गंभीर परिस्थितियों में इस तरह का अवांछित दखल सुरक्षा बलों के समय पर कार्रवाई करने की क्षमता को प्रभावित करता है। हम शांति कायम करने के अपने प्रयासों में राज्य के सभी लोगों से योगदान करने की अपील करते हैं। हमारी मदद कर मणिपुर की मदद करें।'

रिहा होने वालों में टम्बा भी

सुरक्षाबलों के अभियान में दखल देने की एक घटना पिछले सप्ताह हुई। महिलाओं ने प्रतिबंधित संगठन के 12 कैडरों को ले जा रहे सुरक्षाबलों का घेराव कर लिया जिसके बाद इन कैडरों को छोड़ना पड़ा। इनमें स्वयंभू कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल मोईरंगथेम टम्बा भी था। टम्बा 2015 में 6 डोगरा पर घात लगाकर हुए हमले का मास्टरमाइंड है। इस हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए। गत 24 जून के ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने केवाईकेएल 12 कैडरों को हिरासत में लिया। इनके पास से बड़ी संख्या में हथियार एवं गोला-बारूद बरामद हुए।

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