बाढ़ से तबाह सिक्किम के लिए फरिश्ता बने सेना के जवान, किया लॉग ब्रिज और फुट सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण

सिक्किम की ल्होनाक हिमनद झील में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी आने बाद तीस्ता नदी में आई बाढ़ से प्रदेश का उत्तरी हिस्सा तबाह हो गया। कई लोगों की जान चली गई। कई पुल बह गए। अब सरकार और भारतीय सेना उसके निर्माण में जुट गई हैं। ताकि यातायात बहाल किया जा सके।

सिक्किम बाढ़ राहत बचाव में उतरे सेना के जवान

सिक्किम की ल्होनाक हिमनद झील में बादल फटने से भारी मात्रा में पानी आने बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आई बाढ़ से प्रदेश में भारी तबाही हुई। जानमाल के भारी नुकसान के अलावा कई पुल पानी में बह गए। जिसकी वजह से सिक्किम दुनिया अन्य हिस्सों से कट गया। कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए सरकार और भारतीय सेना पुल निर्माण में जुट गई है। त्रिशक्ति कोर के जवानों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों और खराब मौसम के तहत स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक लॉग ब्रिज का निर्माण किया और उत्तरी सिक्किम में 53 अलग-थलग पड़े लोगों को सुरक्षित बचाया। उन्होंने निरंतर उपयोग के लिए एक फुट सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण शुरू किया।

उधर सिक्किम सरकार ने बाढ़ से प्रभावित हुए राज्य के चार जिलों में 9 ‘बेली’ पुल के निर्माण को मंगलवार को मंजूरी दे दी।‘बेली’ पुल पहले से तैयार इस्पात के ढांचे को स्थापित करके बनाया जाता है। राज्य राहत आयुक्त अनिल राज राय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में इन पुलों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने इस पर आने वाली लागत का जिक्र नहीं किया।

इनमें से आठ पुल तीस्ता नदी पर बनाए जाएंगे और एक पुल जोंगू में कनका नदी पर बनाया जाएगा। तीस्ता नदी में बुधवार को आई बाढ़ के कारण राज्य में भारी तबाही हुई है। बाढ़ के कारण 14 पुल बह गए और हिमालयी राज्य में सड़क संपर्क सुविधा पंगु हो गई है। बयान में बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की सोमवार को हुई बैठक के दौरान गठित समन्वय समिति ने तय किया कि ‘बेली’ पुलों का निर्माण किन स्थानों पर किया जाएगा।

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