NEET पेपर लीक में बड़ा खुलासा, गिरफ्तार छात्र का कबूलनामा-एग्जाम से कुछ घंटे पहले ही पेपर मिल गया था

NEET Paper Leak : इस पत्र में अनुराग ने अपने चाचा यादवेंदु का जिक्र किया है जिन्होंने उसे अमित और नीतीश के साथ सुरक्षित घर में छोड़ा था। अनुराग ने बताया है कि उत्तर के साथ प्रश्न पत्र दिए जाने के बाद उन्हें उनके केंद्र, पटना स्थित डीवाई पाटिल स्कूल में भेज दिया गया था।

NEET Paper Leak : NEET पेपर लीक में बड़ा खुलासा हुआ है। मामले में गिरफ्तार छात्र अनुराग यादव ने माना है कि नीट का पेपर शुरू होने से पहले ही उसे लीक पेपर मिल गया था। पेपर में वही प्रश्न थे जो एग्जाम में आए थे। अनुराग का यह कबूलनामे वाला पत्र टाइम्स नाउ नवभारत के हाथ लगा है। अनुराग का दावा है कि एक 'सेफ हाउस' में उसे प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया। अनुराग जिसके चाचा बिहार के दानापुर नगर परिषद में इंजीनियर हैं, का कहना है कि उसके रिश्तेदार सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उसे बताया था कि परीक्षा के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। अनुराग ने यह भी कहा कि NEET एग्जाम के लीक प्रश्न पत्र उसे उत्तर के साथ उपलब्ध करा दिए गए थे। अपने पत्र में अनुराग का दावा है कि जब वह परीक्षा में बैठा और जब उसे पेपर मिला तो उसने उस लीक प्रश्नपत्र से मिलान से किया जिसे उसके चाचा ने उपलब्ध कराया था। इस कबूलनामे वाले पत्र पर अनुराग के हस्ताक्षर हैं।

चाचा ने अनुराग को 'सेफ हाउस' में छोड़ा था

इस पत्र में अनुराग ने अपने चाचा यादवेंदु का जिक्र किया है जिन्होंने उसे अमित और नीतीश के साथ सुरक्षित घर में छोड़ा था। अनुराग ने बताया है कि उत्तर के साथ प्रश्न पत्र दिए जाने के बाद उन्हें उनके केंद्र, पटना स्थित डीवाई पाटिल स्कूल में भेज दिया गया था। यादवेंदु ने अनुराग के नाम पर सरकारी गेस्ट हाउस बुक किया था। अनुराग का दावा है कि वह कोचिंग संस्थान एलन का छात्र है।

सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई

नीट पेपर लीक मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पटना में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बुधवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी। बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई उच्च न्यायालयों के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय में भी याचिकाएं दायर की गई हैं।

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छात्रों के हितों की रक्षा सर्वोपरि-अधिकारी

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पटना में परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।’अधिकारी ने कहा, ‘सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह फिर से कहा जाता है कि इस मामले में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

4,750 केंद्रों पर आयोजित हुई थी परीक्षा

यह परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। इसके नतीजे 14 जून को घोषित किये जाने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण नतीजे चार जून को घोषित कर दिये गए थे। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि छात्र इन परीक्षाओं की तैयारी करने में कड़ी मेहनत करते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि नीट-यूजी, 2024 से संबंधित मुकदमे को विरोधात्मक नहीं माना जाना चाहिए। केंद्र और एनटीए ने 13 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि उसने एमबीबीएस और अन्य ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं। केंद्र ने न्यायालय को बताया था कि इन उम्मीदवारों के पास या तो पुन: परीक्षा देने या कृपांक हटाकर प्राप्त मूलांक के आधार पर परिणाम को स्वीकार करने का विकल्प होगा।

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आलोक कुमार राव author

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