नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियनों ने कहा कि वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। प्राधिकारियों ने किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च या ऐसे किसी अन्य प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है ताकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में किसी तरह की बाधा न आये। इन सबके बीच अब कई पूर्व सैन्य अफसरों ने आंदोलन कर रहे किसानों से गणतंत्र दिवस समारोह में बाधा नहीं पहुंचाने की अपील की है।
पूर्व सैनिकों का पत्र
लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी (रिटायर) सहित वायुसेना और नौसेना के कई पूर्व अधिकारियों ने किसान भाईयों को लिखे अपने खत में लिखा, 'हम सभी पूर्व सैनिकों को विश्वास है कि हमारे किसान भाईयों का हमारे प्यारे देश भारत के गणतंत्र दिवस के समारोह के किसी भी औपचारिक कार्यक्रम में कोई भी बाधा डालने का विचार नहीं है। लेकिन कुछ बयान आने से असमंजस की स्थिति बन गई है जिसे जल्द से जल्द खत्म करना होगा। हमें विश्वास है कि हमारे किसान भाई, कभी सपने में भी नहीं सोच सकते हैं कि वो कोई ऐसा काम कर सकते हैं जिससे भारत की प्रतिष्ठा व गरिमा पर कोई दाग लगे।'
कई सैनिकों के हस्ताक्षर
पूर्व सैनिकों द्वारा लिखे गए इस पत्र पर करीब 20 से अधिक पूर्व सैन्य अफसरों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में पूर्व सैनिकों ने किसानों के योगदान का जिक्र करते हुए कह है कि आपने हमेशा देश की आन बान और शान में चार चांद लगाए हैं। पूर्व सैनिकों ने किसानों से अपील की है, 'ऐसे समय में हम सब का दायित्व है कि इस लड़ाई में हम साथ साथ खड़े होकर देश को विश्व में एक बहुत सम्मानित पायदान पर ले कर जाएं।'
ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़े किसान
इससे पहले यूनियन नेता योगेंद्र यादव ने सिंघू सीमा स्थित प्रदर्शन स्थल पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर एक ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड बहुत शांतिपूर्ण होगी। गणतंत्र दिवस परेड में कोई भी व्यवधान नहीं होगा। किसान अपने ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाएंगे।’
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