Arvind Kejriwal: सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, फिलहाल जेल में ही रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अभी हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए। क्या-क्या हुआ अदालत में जानिए।
Arvind Kejriwal News: दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है और वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे। केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसने उनकी जमानत पर फौरी तौर पर रोक लगाई थी। केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, जिसके खिलाफ ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था।
केजरीवाल करें फैसले का इंतजार
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक हटाने से इनकार करते हुए कहा कि केजरीवाल दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा तो हस्तक्षेप करना उचित नहीं है। हम परसों सुनवाई के लिए याचिका रखेंगे। वहीं, अदालत में एएसजी राजू ने कहा कि संभावना है कि हाई कोर्ट का फैसला कल आएगा।
सिंघवी ने दी ये दलील
सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील सिंघवी ने जमानत पर स्टे को लेकर कहा कि ऐसा आजतक कभी नहीं हुआ है। सिंघवी ने कहा कि अगर जमानत रद्द होती है, तो वह निश्चित रूप से जेल वापस जाएंगे, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम जमानत के बाद हुआ था। उनके भागने का खतरा नहीं है। सिंघवी ने दलील दी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी की वैधता पर विचार किया जा रहा है और अंतरिम जमानत के संबंध में उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।
26 जून को सुनवाई करेगी शीर्ष अदालतसुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चाहेगी। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने जमानत आदेश पर अंतरिम रोक हटाने का अनुरोध किया। सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल के फरार होने का जोखिम नहीं है। उन्होंने पीठ से उच्च न्यायालय का आदेश सुनाए जाने से पहले उस पर रोक लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि मैं क्या कह रहा हूं। इस अदालत को उच्च न्यायालय का आदेश सुनाए जाने से पहले उस पर रोक लगानी चाहिए जैसे कि उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महज उल्लेख किए जाने पर जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी।
जानें पूरा मामला
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। सलुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा। यानि हाई कोर्ट का फैसला आने तक केजरीवाल जेल में ही रहेंगे। दोनों पक्षों की दलील और लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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