केंद्र के अध्यादेश को कैसे चुनौती देंगे केजरीवाल? सड़क से सदन कैसे लड़ेगी सरकार, खुद बताया पूरा प्लान
Govt Ordinance On Delhi Services: अरविंद केजरीवाल ने कहा, जैसे ही सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ, केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर जजमेंट को बदल दिया। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार अंदरखाने यह जानती है कि यह अध्यादेश पांच मिनट भी टिकने वाला नहीं है। उन्होंने एक जुलाई को सुप्रीम कोर्ट खुलेगा, जिसे हम चुनौती देंगे।
अरविंद केजरीवाल (स्क्रीन ग्रैब)
Govt Ordinance On Delhi Services: दिल्ली के अधिकारियों को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच घमासान मचा हुआ है। बीते दिनों, इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का पूरा अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था। अब केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर इस निर्णय को पूरी तरह बदल दिया है।
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इस अध्यादेश को लेकर अरविंद केजरीवाल की सरकार और केंद्र के बीच छिड़ी लड़ाई एक बार फिर से खुलकर सामने आ गई है। हालांकि, केजरीवाल सरकार ने अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि यह अध्यादेश लोकतंत्र विरोधी है। केंद्र ने इसे लाकर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को ही खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के साथ और दिल्ली की जनता के साथ भद्दा मजाक नहीं तो क्या है?
अध्यादेश में क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के तहत दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकारी उपराज्यपाल को दे दिया गया है। अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार दिलली में सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी। इस प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और गृह सचिव होंगे। यह समिति किसी अधिकारी के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर बहुमत के आधार पर फैसला करेगी। हालांकि, आखिरी निर्णय उपराज्यपाल का होगा।
केजरीवाल ने क्या कहा?
अरविंद केजरीवाल ने कहा, जैसे ही सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के लिए बंद हुआ, केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर जजमेंट को बदल दिया। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार अंदरखाने यह जानती है कि यह अध्यादेश पांच मिनट भी टिकने वाला नहीं है। उन्होंने एक जुलाई को सुप्रीम कोर्ट खुलेगा, जिसे हम चुनौती देंगे। उन्होंने कहा, यह सुप्रीम कोर्ट की पॉवर को चुनौती दी जा रही है। उन्होंने कहा, ऐसे देश कैसे चलेगा? यह जनतंत्र और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के साथ भद्दा मजाक है। उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी को तीन बार प्रचंड बहुमत मिला है, दिल्ली के लोगों ने बार-बार कहा है हमें आम आदमी पार्टी की सरकार चाहिए। ये लोग बार-बार सरकार को काम करने से रोक रहे हैं। हमने जनता के लिए खूब काम किए हैं। इस अध्यादेश से हमारे कामों की स्पीड ज़रुर धीमी होगी लेकिन मैं काम रुकने नहीं दूंगा।
अब क्या होगी दिल्ली सरकार की रणनीति?
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यह अध्यादेश लोकतंत्र विरोधी है। मैं विपक्ष के नेताओं से बात करूंगा कि राज्यसभा में इस बिल को किसी भी हाल में पास न होने दिया जाए। उन्होंने कहा, जल्द ही दिल्ली में इसको लेकर एक महारैली का आयोजन किया जाएगा। मैं दिल्ली के एक-एक घर जाऊँगा, लोगों को बताऊँगा कि कैसे इन्होंने जनता के अधिकारों को छीना है। अगर देश में इस तरह से तानाशाही आ जाएगी तो जनता ज़िंदा कैसे रहेगी? उन्होंने कहा, हम बहुत जल्दी पूरे प्लान की घोषणा करूंगा।
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