कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब 1 अप्रैल तक ED की रिमांड में रहेंगे केजरीवाल
Arvind Kejriwal : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 7 बयानों में से छह में उनका नाम नहीं है। दिल्ली की सीएम ने पूछा कि 100 करोड़ रुपए का घोटाला अगर हुआ तो वह पैसा कहां है? केजरीवाल ने ईडी पर पैसा जुटाने का गंभीर आरोप लगाया।
दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में गिरफ्तार हैं केजरीवाल।
Arvind Kejriwal : आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने केजरीवाल की हिरासत 1 अप्रैल तक बढ़ा दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आगे की पूछताछ के लिए उनकी सात दिनों की हिरासत मांगी थी। हिरासत पूरी होने के बाद ईडी ने गुरुवार को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में केजरीवाल ने अपने बचाव में कहा कि ईडी का एक ही मकसद उन्हें फंसाना है। केजरीवाल ने कहा कि 7 बयानों में से छह में उनका नाम नहीं है। दिल्ली की सीएम ने पूछा कि 100 करोड़ रुपए का घोटाला अगर हुआ तो वह पैसा कहां है? केजरीवाल ने ईडी पर पैसा जुटाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईडी के दबाव में लोग गवाह बन रहे हैं और बयान बदल रहे हैं। कोर्ट में पेश होते समय केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश है, जनता इसका जवाब देगी।
ईडी ने 7 दिनों की हिरासत मांगी
ईडी ने अदालत को बताया कि उसने सबूतों के आधार पर केजरीवाल की गिरफ्तारी की। जांच एजेंसी ने कहा कि अभी उसे केजरीवाल से और पूछताछ करनी है इसके लिए उनकी और हिरासत की जरूरत है। ईडी ने सात दिनों की हिरासत मांगी जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
केजरीवाल ने जानबूझकर गोलमोल जवाब दिए-ईडी
ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल के बयान दर्ज हुए हैं लेकिन उन्होंने बहुत ही अस्पष्ट और गोलमोल जवाब दिए हैं। वह जानबूझकर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। केजरीवाल ने पासवर्ड नहीं बताए हैं और इस वजह से डिजिटल डाटा तक हमारी पहुंच नहीं हो पाई है। केजरीवाल का कहना है कि वह पहले अपने वकीलों से बात करेंगे और फिर बताएंगे कि पासवर्ड देना है या नहीं। अगर वह पासवर्ड नहीं देते हैं तो हमें पासवर्ड का तोड़ निकालना होगा।
सीएम पद से हटाने की मांग वाली अर्जी खारिज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से हटाने के अनुरोध वाली जनहित याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुद्दे के गुण-दोषों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह न्यायिक हस्तक्षेप के दायरे से बाहर है। पीठ ने कहा, ‘इसका अध्ययन सरकार की अन्य इकाइयों को कानून के अनुसार करना है।’अदालत ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव के वकील से कहा कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बने रहने पर कानूनी बाधा बताएं। अदालत ने पूछा, ‘व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं लेकिन वो अलग बात है। कानूनी बाधा कहां है?’
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