'हमने तो बड़े प्यार से पाला था, असद के सुपुर्द-ए- खाक में उसकी मां का ना होना मजबूरी'

Asad Ahmed Funeral: अतीके बेटे असद को शनिवार को सुपुर्द-ए- खाक कर दिया गया। असद के एनकाउंटर के बाद उसके नाना ने कहा कि बड़े प्यार से पाला था। लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर था।

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झांसी में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था असद

मुख्य बातें
  • कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद सुपुर्द-ए-खाक
  • अतीक को नहीं मिली इजाजत
  • असद के नाना-मौसा ने किया अंतिम क्रियाकर्म

Asad Ahmed Funeral: अतीक अहमद के तीसरे बेटे असद अहमद को प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया। बीती रात उसके शव को दूसरे शूटर गुलाम के साथ लाया गया और औपचारिकता के बाद परिवार को सौंप दिया। अतीक अहमद ने पहले अपने बेटे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया। हालांकि शव के आने के बाद वो चुप्पी साध गया। हालांकि उसके चाचा अशरफ ने चुप्पी तोड़ी और कहा कि वो को अल्लाह की चीज था और अल्लाह ने उसे अपने पास बुला लिया। बताया जा रहा है कि असद की मां भी शाइस्ता परवीन अंतिम संस्कार का हिस्सा होना चाहती थी। लेकिन कब्रिस्तान के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा रहा। इन सबके बीच असद के नाना ने चुप्पी तोड़ी है और उन्होंने कहा कि उसको बहुत प्यार से पाला था।

असद के बारे में कहा जाता है कि वो पढ़ने लिखने में तेज था। वो विदेश जाकर बैरिस्टर बनना चाहता था। लेकिन अतीक अहमद के पास्ट रिकॉर्ड को देखते हुए उसे वीजा नहीं मिला। इस तरह के हालात में धीरे धीरे वो रंगबाजी की दिशा में आगे बढ़ निकला।

असद को ऐसे दफनाया गया

बाद के दिनों में वो अपनी मां के साथ रैलियों में आने लगा, भाषण भी करता था। एक भाषण के दौरान उसने कहा था कि पिछले 21 सालों से उसका परिवार जुल्म का सामना करता रहा है।इलाके के लोग कहते हैं कि एक बार असद के हाथों में माउजर थी। अतीक ने देखा और कहा कि वाह तुम शेर के बेटे हो। गोलियां इतनी तेजी से चलाओ की दिल खुश हो जाए। ।

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