सजा खत्म करने के लिए आसाराम बापू ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, SC ने गुजरात सरकार को भेजा नोटिस; 3 हफ्ते में मांगा जवाब

Asaram Bapu Case: आसाराम बापू ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। आसाराम को बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।

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आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार

Asaram Bapu Case: आसाराम बापू ने आजीवन कारावस की सजा को खत्म करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की। उनकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार चिकित्सा आधार पर ही किया जाएगा। बता दें, 2013 के दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की निचली अदालत से आसाराम बापू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। याचिका पर अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। पीठ ने कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे। मगर हम केवल चिकित्सा शर्तों पर ही विचार करेंगे।

बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम

बता दें, आसाराम को जनवरी 2023 में गुजरात में गांधीनगर के एक सेशन कोर्ट ने बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। सूरत आश्रम में उनपर एक महिला शिष्या के साथ बार-बार रेप करने का आरोप लगाया गया था। सुनवाई और सबूतों के आधार पर उन्हें इस मामले में दोषी पाया गया था। आसाराम ने आजीवन कारावास के इस फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में अंतरिम रिहाई के लिए अपील की थी। हाई कोर्ट की तरफ से सजा को निलंबित करने की अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने सजा को सस्पेंड करने और उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि राहत देने का कोई मामला नहीं बनता है। हाई कोर्ट ने कहा था कि उनकी अपील के निपटारे में संभावित देरी, उनकी उम्र और चिकित्सा स्थिति के बारे में उनकी दलीलें राहत देने के लिए प्रासंगिक नहीं हैं। अदालत ने पूर्व मामलों पर भी विचार किया था जिसमें उनके साबरमती आश्रम में दो लड़कों की कथित हत्या और गवाहों और पीड़ितों के रिश्तेदारों पर हमले शामिल थे।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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