जेल से बाहर आने के बाद कहां पहुंचा आसाराम? बलात्कार मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने इन 3 शर्तों पर दी है अंतरिम जमानत
Asaram reached his ashram in Jodhpur: आसाराम अंतरिम जमानत मिलने के बाद राजस्थान जोधपुर में अपने आश्रम पहुंचा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत दी है। आसाराम के अनुयायियों की भारी भीड़ जमा हो गई और बाहर आने पर उन्होंने आसाराम को माला पहनाई।
अंतरिम जमानत मिलने के बाद जोधपुर पहुंचा आसाराम।
Asaram News: स्वयंभू संत आसाराम 2013 के दुष्कर्म मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद जोधपुर के पाल गांव में स्थित अपने आश्रम पहुंचा। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘वह पिछले कुछ दिनों से शहर के एक आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती था और मंगलवार देर रात अपने आश्रम के लिए रवाना हुआ।’’
अनुयायियों की भारी भीड़ अस्पताल के बाहर हुई जमा
आजीवन कारावास की सजा पाए स्वयंभू संत को राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी थी। अधीनस्थ अदालत ने 2013 में अपने आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म करने के जुर्म में आसाराम को अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अंतरिम जमानत की खबर मिलने पर अस्पताल के बाहर आसाराम के अनुयायियों की भारी भीड़ जमा हो गई और बाहर आने पर उन्होंने आसाराम को माला पहनाई। आश्रम पहुंचने पर उसका जोरदार स्वागत भी किया गया।
11 साल 75 दिन बाद जेल से छूटा आसाराम
नाबालिक रेप केस में 12 बार खारिज होने के बाद आसाराम को अंतरिम जमानत मिली। यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर की सेंटर जेल में आसाराम बंद है। 11 साल बाद राजस्थान हाई कोर्ट से राहत मिली है। पहली बार आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च 2025 तक अंतिम जमानत मंजूर की गई है। जमानत तीन शर्तों पर दी गई।
- पहली शर्त- अनुयाईयों से नहीं मिल सकते।
- दूसरी शर्त- साधकों के समूह में मुलाकात प्रवचन नहीं कर सकेंगे।
- तीसरी शर्त- तीन गार्ड साथ रहेंगे और खर्चा आसाराम उठाएंगे।
उसके वकील निशांत बोरा ने कहा कि इस जमानत अवधि के दौरान आसाराम अपनी इच्छानुसार जिस भी जगह चाहे इलाज कराने के लिए स्वतंत्र होगा। हालांकि, उसे जमानत की शर्तों का पालन करना होगा। पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने आसाराम को दुष्कर्म के एक अन्य मामले में 31 मार्च तक इसी तरह की राहत देते हुए कहा था कि वह कई बीमारियों से ग्रस्त है और उसे इलाज की जरूरत है।
2013 के बलात्कार मामले में आसाराम मिली अंतरिम जमानत
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम को मंगलवार को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी। एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक अन्य मामले में आसाराम को 31 मार्च तक जमानत दी थी और कहा था कि वह कई बीमारियों से ग्रस्त है और उसे उपचार की आवश्यकता है। शीर्ष अदालत द्वारा चिकित्सा आधार पर राहत दिए जाने के तुरंत बाद आसाराम के वकीलों ने उच्च न्यायालय में सजा निलंबित करने के लिए याचिका दायर की। न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आसाराम को अंतरिम जमानत प्रदान की, क्योंकि याचिका की प्रकृति सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका के समान थी।
आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कहा, ‘‘हमने दलील दी कि याचिका की प्रकृति उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका के समान है और इस मामले में भी आधार वैध हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक शर्त को छोड़कर आसाराम की अंतरिम जमानत की शर्तें वही हैं जो सात जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने तय की थीं। बोरा ने कहा, ‘‘अगर आसाराम (जोधपुर से) बाहर जाना चाहता है, तो उसे तीन कांस्टेबल का खर्च उठाना होगा, जो कि उसके साथ मौजूद रहेंगे।’’ निचली अदालत ने आसाराम को 2013 में जोधपुर स्थित उसके आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें
सोनिया गांधी आज करेंगी कांग्रेस के नए मुख्यालय उद्घाटन, जानिए क्या है होगा पार्टी का नया पता
PM Museum: स्मृति ईरानी, शेखर कपूर बने पीएम संग्रहालय के सदस्य; नृपेंद्र मिश्रा को मिली कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गंगा में लगाई डुबकी, शेयर की फोटो
पीएम मोदी आज मुंबई में महायुति विधायकों से मिलेंगे, एकनाथ शिंदे ने बताया सारा प्लान
Punjab: 111 किसान आज से शुरू करेंगे आमरण अनशन, केंद्र के खिलाफ आंदोलन और तेज
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited