लाल डायरी से बेहद डरे हुए हैं अशोक गहलोत, क्योंकि इसमें काले कारनामे छुपे हुए हैं, बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान के गंगापुर में 'सहकार किसान सम्मेलन'में कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाना साधते हुए कहा कि वे लाल डायरी डर क्यों रहे हैं? क्योंकि लाल डायरी के अंदर काले कारनामे छुपे हुए हैं।

गंगापुर में अमित शाह की रैली

राजस्थान के गंगापुर में 'सहकार किसान सम्मेलन' में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजकल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लाल डायरी से बेहद डरे हुए हैं लेकिन वे डर क्यों रहे हैं? लाल डायरी के अंदर काले कारनामें छुपे हुए हैं। लाल डायरी में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का ब्यौरा है। साथ ही शाह ने का कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे अंतरिक्ष मिशन को नई गति और ऊर्जा दी। आज मैं नारे लगाने वालों से कहना चाहता हूं कि नारे लगाने की बजाय चंद्रयान को आगे बढ़ाया होता तो नारे लगाने की नौबत नहीं आती।

अमित शाह ने कहा आजकल गहलोत साहब लाल डायरी से बहुत डर रहे हैं। क्यों डर रहे हैं भला, जरा बताओ तो राजस्थान वालों? डायरी का आगे का कलर लाल है, अंदर काले कारनामे छिपे हुए हैं। अरबों, करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा, उस लाल डायरी के अंदर है। शाह ने कहा कि मैं गहलोत साहब से कहने आया हूं कि चंद लोग भेजकर नारे लगाने से कुछ नहीं होता, जरा भी शर्म बची है, तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव के मैदान में आइए हो जाए दो-दो हाथ। उन्होंने कहा कि घर में कोई भी डायरी हो, उसका रंग लाल मत रखना। गहलोत जी नाराज हो जाएंगे।

राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। इसके बाद सदन में ‘असहज दृश्यों’ के बीच उन्हें राज्य विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। शाह के संबोधन की शुरुआत में कुछ लोग नारेबाजी करते दिखाई दिए थे। गृह मंत्री ने इसकी तरफ इशारा करते हुए बाद में कहा कि जो लोग नारे लगा रहे थे, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि कि नारे लगाने की जगह चंद्रयान को आगे बढ़ाया होता, तो आज नारे लगाने की नौबत नहीं आती। सहकारिता मंत्रालय बनाया होता, किसानों का कल्याण किया होता, तो आज नारे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

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