अशोक गहलोत और सचिन पायलट में बन गई बात! राजस्थान सरकार के एक फैसले ने खत्म किया विवाद?

Ashok Gehlot-Sachin Pilot dispute : कांग्रेस पार्टी में राजस्थान का संकट सुलझता नजर आ रहा है। पेपर लीक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट के बाद लगता है कि अशोक गहलोत-सचिन पायलट विवाद सुलझ जाएगा।

अशोक गहलोत और सचिन पायलट में विवाद खत्म! (तस्वीर-PTI)

Ashok Gehlot-Sachin Pilot dispute : राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लीक में शामिल लोगों के लिए सजा को मौजूदा 10 साल से बढ़ाकर उम्रकैद तक करने के लिए एक बिल लाएगी। नकल माफियाओं के लिए उम्र कैद के मुख्यमंत्री गहलोत के फैसले के बाद सचिन पायलट कैंप में बर्फ पिघल चुकी है। सूत्र बताते हैं कि आरपीएससी बोर्ड के मसले पर गहलोत सरकार के वायदे का सचिन गुट ने स्वागत किया है। दिल्ली में होने वाली अहम बैठक से पहले राजस्थान को लेकर बड़ी खबर है। अब अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद सुलझता नजर आ रहा है।

पायलट खेमे की एक और मांग

पायलट खेमे को अब बाकी की एक मांग पर अमल का और इंतजार है। दरअसल पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कथित भ्रष्टाचार मामलों की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। पायलट ने अपनी ही सरकार से यह मांग की है। ये वो मामले हैं जो विपक्ष में रहते सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने मिलकर उठाए थे।

ये चाहते हैं पायलट खेमे

सूत्रों के अनुसार सचिन को चुनाव तक गहलोत के सीएम बने रहने से कोई ऐतराज नहीं है बशर्ते टिकट बांटने में पायलट को बराबर की हिस्सेदारी मिले या फिर अध्यक्ष का पद मिले। टाइम्स नाउ नवभारत ने गहलोत और पायलट के बीच पॉवर बैलेंस का फॉर्मूला सबसे पहले बताया था। उस स्थिति में जाट प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा या फिर हरीश चौधरी डिप्टी सीएम बने और राजपूत भंवर जितेंद्र सिंह भी डिप्टी सीएम बने।

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