आपको कल कुछ चाहिए होगा तो आप मेरे कोर्ट रूम को ही खोद देंगे- Bulldozer एक्शन पर जब बोले जज

दरअसल, बुलडोजर पिछले कुछ समय में पॉलिटिकल टूल (सियासी हथियार) के तौर पर उभरकर सामने आया था, जिसने देश की राजनीतिक तौर काफी दिशा बदली थी। बीजेपी शासित यूपी की गलियों से निकल बुलडोजर एक्शन दिल्ली तक पहुंच गया था।

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गुवाहाटी हाई कोर्ट ने साफ किया है कि भले ही कोई भी एजेंसी किसी बेहद गंभीर केस की ही जांच क्यों न कर रही हो, मगर किसी के मकान पर बुलडोजर चलाने का प्रावधान किसी भी आपराधिक कानून में नहीं है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एम छाया ने यह टिप्पणी असम के नगांव जिले में आग की घटना के आरोपी के मकान को गिराने के संबंध में हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान वाले केस की सुनवाई के दौरान की।

दरअसल, वहां के 39 साल के मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने 21 मई को बटाद्रवा थाने में आग लगा दी थी। इस्लाम को एक रात पहले ही पुलिस लेकर गई थी। जिला प्राधिकारियों ने इसके एक दिन बाद इस्लाम सहित कम से कम छह लोगों के मकानों को उनके नीचे कथित तौर पर छिपाए गए हथियारों और नशीले पदार्थों की तलाश के लिए ढहा दिया था और इसके लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया था।

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