असम परिसीमन पर आई EC की अंतिम रिपोर्टः एक संसदीय, 19 विधानसभा के नाम में कर दिया बदलाव

Assam Delimitation: अंतिम रिपोर्ट की कुछ मुख्य विशेषताओं का उल्लेख करते हुए, निर्वाचन आयोग (ईसी) ने कहा कि सबसे निचली प्रशासनिक इकाई को ग्रामीण क्षेत्रों में 'गांव' और शहरी क्षेत्रों में 'वार्ड' के रूप में लिया गया है। इसके अनुसार गांव और वार्ड को यथावत रखा गया है और प्रदेश में कहीं भी इसे तोड़ा नहीं गया है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Assam Delimitation: नॉर्थ ईस्ट के सूबे असम में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर निर्वाचन आयोग (ईसी) की अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई है। शुक्रवार (11 अगस्त, 2023) को सामने आई इस रिपोर्ट में एक लोकसभा और 19 विधानसभा सीट के नाम बदले गए हैं। रिपोर्ट में इसके साथ ही विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की कुल संख्या क्रमशः 126 और 14 पर बरकरार रखी है।

ईसी के बयान के मुताबिक, 19 विधानसभा और दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित किए गए हैं। राज्य में एक लोकसभा और नौ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किए गए हैं। रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले 1,200 से अधिक अभ्यावेदन पर विचार किया गया। आयोग को प्राप्त सुझावों और आपत्तियों में से 45 प्रतिशत का अंतिम आदेश में समाधान किया गया।

राज्य के सभी विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 2001 की जनगणना के आधार पर किया गया। उसने कहा, “जनगणना आयुक्त द्वारा प्रकाशित 2001 की जनगणना के आंकड़ों पर ही इस उद्देश्य के लिए विचार किया गया है।” आयोग ने आगे कहा कि जनता की मांग को देखते हुए एक संसदीय और कुछ विधानसभा क्षेत्रों को “युग्मित नाम” दिए गए हैं, जैसे दरांग-उदलगिरि, हाजो-सुआलकुची, बोको-चायगांव, नागांव-बताद्रबा, भवानीपुर-सोरभोग, अल्गापुर-कतलीचेरा।

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