असम में बाढ़ से हाहाकार: 225 सड़कें-10 पुल तबाह, 24 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, अबतक 52 की मौत
Assam Floods: असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ के कारण 30 जिलों में कुल 24,20,722 लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 47,103 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। वहीं, राज्य की 63,490.97 हेक्टेयर फसल भी बर्बाद हो चुकी है। राज्य की 225 सड़कें और 10 पुल पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
Assam Floods: मानसूनी बारिश की अभी शुरुआत ही हुई है और असम में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां ज्यादातर नदियां उफान पर हैं और कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ के कारण असम के 30 जिलों में 24 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और अबतक 52 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, बाढ़ के कारण 63,490.97 हेक्टेयर फसल भूमि भी जलमग्न हो चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को भूस्खलन के कारण दो और मौतें होने की सूचना मिली है। इसके बाद बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्या 52 हो गई है। वहीं, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूब गया है, जिससे तीन गैंडे और 62 हॉग हिरण सहित 77 से ज़्यादा जानवर मारे गए हैं।
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हजारों लोगों ने राहत शिविरों में ली शरण
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, 30 जिलों में कुल 24,20,722 लोग प्रभावित हुए हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलों में धुबरी शामिल है। यहां 7,75,721 लोग प्रभावित हैं। इसके बाद दरांग में 1,86,108, कछार में 1,75,231 बारपेटा में 1,39,399 और मोरीगांव 1,46,045 प्रभावित हैं। अधिकारियों ने बताया कि 47,103 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में, कुल 15,28,226 जानवर प्रभावित हैं। इसमें 94 जानवरों को बचाया है, जबकि 11 की इलाज के दौरान मौत हो गई है और 50 अन्य को वापस जंगल में छोड़ दिया गया है।
225 सड़कें, 10 पुल तबाह
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, असम में आई बाढ़ के कारण 225 सड़कें और 10 पुल पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को डिब्रूगढ़ जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि हम डिब्रूगढ़ शहर में जलभराव की समस्या का समाधान निकालने के लिए विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों की मदद लेंगे। अधिकारियों ने बताया कि नालियों के जाम होने के कारण डिब्रूगढ़ में जलभराव हो गया है तथा ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे पानी की निकासी में दिक्कतें आ रही हैं।
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