Assam Flood: असम में क्यों आई बाढ़? मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बता दी इसकी असल वजह

Assam Flood: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के लिए भौगोलिक कारकों को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री ने गराल भट्टपारा गांवबुराह घाट पर स्थिति की समीक्षा की तथा खना नदी पर धारपुर जंगारबाड़ी गेट का मुआयना किया। साथ ही उन्होंने लोगों को क्षतिग्रस्त तटबंधों और सड़कों की मरम्मत कराने तथा राहत शिविरों में ठहरे लोगों को खाने-पीने की चीजें एवं दवाइयां उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

Himanta_Biswa_Sarma

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

मुख्य बातें
  • बाढ़ नियंत्रण के उठाए गए कई कदम: हिमंत बिस्वा सरमा
  • कई प्रभावित जिलों में बारिश में आई कमी: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की
Assam Flood: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को बाढ़ की स्थिति के लिए भौगोलिक कारकों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इन पर राज्य का कोई नियंत्रण नहीं है। कामरूप जिले में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में बाढ़ की दूसरी भीषण लहर की मुख्य वजह पड़ोसी राज्य अरूणाचल प्रदेश में बादल का फटना है।

मुख्यमंत्री ने क्या कुछ कहा?

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि चीन, भूटान और अरूणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में भारी वर्षा के कारण असम में बाढ़ आयी है और यह हमारे नियंत्रण के बाहर है। उन्होंने कहा कि इन सालों में बाढ़ नियंत्रण के कई कदम उठाये गये हैं तथा (बाढ़ का) प्रभाव एवं लोगों की परेशानियां भी काफी कम हुई हैं, लेकिन हमें हरसंभव तरीके से प्राकृतिक परिणामों से निपटना है।
मुख्यमंत्री ने गराल भट्टपारा गांवबुराह घाट पर स्थिति की समीक्षा की तथा खना नदी पर धारपुर जंगारबाड़ी गेट का मुआयना भी किया। उन्होंने लोगों को क्षतिग्रस्त तटबंधों और सड़कों की मरम्मत कराने तथा राहत शिविरों में ठहरे लोगों को खाने-पीने की चीजें एवं दवाइयां उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
हिमंत बिस्वा सरमा बाढ़ के पानी में डूबे क्षेत्रों में 'लाइफ जैकेट' पहने एक रबर बोट में अधिकारियों के साथ घूमते नजर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बृहस्पतिवार को माजुली जायेंगे जहां तटबंध टूट गया है और काफी बड़ा क्षेत्र पानी में डूब गया है। उन्होंने कहा, '' हम यह सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन लगे हैं कि तटबंध और कहीं न टूटे।''
उन्होंने कहा कि कई प्रभावित जिलों में वर्षा में कमी आयी है और यदि ऐसा ही रूझान जारी रहा तो स्थिति एक सप्ताह में सुधरने की उम्मीद है, लेकिन यदि जलग्रहण क्षेत्रों में निरंतर वर्षा होती रही तो स्थिति गंभीर बनी रहेगी और फिर हमें उस हिसाब से उससे निपटना होगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के लोगों की सबसे बड़ी ताकत उनका 'धैर्य' है तथा यह वैसे समय में नजर आता है जब बाढ़ से उत्पन्न चुनौतियों से हम सामूहिक रुप से निपटने को ठान लेते हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ऊपरी असम के गोलाघाट जिले और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की थी।
(इनपुट: भाषा)
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अनुराग गुप्ता author

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