'NRC आवेदन संख्या नहीं तो Aadhaar नहीं', अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने को लेकर असम सीएम की कड़ी चेतावनी
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वालों की संख्या जनसंख्या से ज़्यादा है, जो दर्शाता है कि ऐसे नागरिक हैं जिनकी प्रामाणिकता संदिग्ध है।
सरमा ने कहा कि सरकार आधार कार्ड जारी करने में 'बहुत सख्त'
- असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या से ज़्यादा आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वालों की संख्या है
- सरमा ने कहा कि सरकार आधार कार्ड जारी करने में 'बहुत सख्त' है
- कहा कि असम में अवैध विदेशियों की पहचान को और तेज़ किया जाएगा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को राज्य में अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने के प्रयासों के तहत अपना राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) आवेदन रसीद संख्या जमा करना आवश्यक होगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, सरमा ने बताया कि आधार आवेदनों की संख्या राज्य की जनसंख्या से ज़्यादा हो गई है, जिससे संभावित धोखाधड़ी वाले आवेदनों के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम चार जिलों में आधार कार्ड धारकों की संख्या अनुमानित जनसंख्या से ज़्यादा है, जो 'चिंताजनक' है।
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इससे 'अवैध विदेशियों का आगमन रुकेगा' और राज्य सरकार आधार कार्ड जारी करने में 'बहुत सख्ती' बरतेगी।
'आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या जनसंख्या से अधिक'
शर्मा ने कहा, 'आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या जनसंख्या से अधिक है... यह इंगित करता है कि संदिग्ध नागरिक हैं और हमने निर्णय लिया है कि नए आवेदकों को अपनी एनआरसी आवेदन रसीद संख्या (ARN) जमा करानी होगी।' उन्होंने कहा कि असम में आधार कार्ड बनवाना आसान नहीं होगा और उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने में सख्ती बरतेंगे।
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उन्होंने कहा कि एनआरसी आवेदन रसीद संख्या जमा करना उन 9.55 लाख लोगों के लिए लागू नहीं होगा, जिनके बायोमेट्रिक्स राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे और उन्हें उनके कार्ड मिल जाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना चाय बागान क्षेत्रों में भी लागू नहीं होगी, क्योंकि पर्याप्त बायोमेट्रिक मशीनों की अनुपलब्धता जैसी कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण कई लोगों ने अपने आधार कार्ड नहीं बनवाए हैं। शर्मा ने कहा कि चार जिलों में 'उनकी कुल अनुमानित जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।'उन्होंने कहा, 'इन जिलों में बारपेटा (103.74 प्रतिशत), धुबरी (103 प्रतिशत), मोरीगांव और नागांव (101 प्रतिशत) शामिल हैं।'
'सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने के बाद ही ऐसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे'
शर्मा ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों को यह निर्णय लेने का अधिकार दिया है कि किसी व्यक्ति को आधार कार्ड जारी किया जाए या नहीं।
उन्होंने कहा, 'असम में हमने तय किया है कि नये आवेदकों को आधार कार्ड तभी जारी किए जाएंगे, जब संबंधित जिला आयुक्त द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जायेगा। सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने के बाद ही ऐसे प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। अगर आवेदक के पास एनआरसी एआरएन है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि वह 2014 से पहले राज्य में था।'
'सरकार अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया तेज करेगी'
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 'अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया तेज करेगी, क्योंकि पिछले दो महीनों में कई बांग्लादेशियों को पकड़ा गया और उन्हें पड़ोसी देश के अधिकारियों को सौंपा गया है।'
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