असम के सुआलकुची को मिला बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवार्ड, इस उत्पाद के लिए जमाई धाक

यह गांव मुगा, एरी, पाट और तसर जैसे रेशमी कपड़ों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुगा रेशम ने अपने विशिष्ट गुणों और विशेषताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है।

सुआलकुची गांव (Photo - Wikimedia commons)

Best Tourism Village: रेशम बुनाई उद्योग का घर होने के कारण असम के सामाजिक-आर्थिक इतिहास में अद्वितीय स्थान रखने वाले सुआलकुची को इस साल 'शिल्प' श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुना गया है। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने शुक्रवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर इस पुरस्कार की घोषणा की। यह गांव मुगा, एरी, पाट और तसर जैसे रेशमी कपड़ों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुगा रेशम ने अपने विशिष्ट गुणों और विशेषताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है।
स्थानीय एनजीओ मार्वेला, जो सुआलकुची के रेशम बुनाई उद्योग के प्रचार और कल्याण के लिए काम कर रहा है, उसे अपने निरंतर काम के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मार्वेल्ला के सह-संस्थापक जुगल भराली ने कहा, यह इस सदियों पुरानी शिल्प को पीढ़ियों तक जीवित रखने के सभी ग्रामीणों के संयुक्त प्रयास की मान्यता है। हमें खुशी है कि सुआलकुची को शिल्प श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ गांवों में से एक के रूप में मान्यता मिली है। भराली, उनके सहयोगी पाकुमोनी दास और असम पर्यटन के उप निदेशक मोइत्रेयी दास ने दिल्ली विज्ञान भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में पुरस्कार प्राप्त किया।
सुआलकुची ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर कामरूप (ग्रामीण) जिले में गुवाहाटी से लगभग 35 किमी दूर है। इसे 'पूर्व का मैनचेस्टर' भी कहा जाता है। यह शिल्प गांव एक समृद्ध रेशम बुनाई उद्योग का घर होने के कारण राज्य के सामाजिक-आर्थिक इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। असम को मुगा रेशम के लिए भौगोलिक संकेत (G1) का दर्जा दिया गया है, जो रेशम की दुनिया में इसकी पहचान को और मजबूत करता है।
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