इस बहादुर महिला को डरा नहीं सका अतीक का खौफ, बाहुबली से लड़ती रहीं सूरजकली, घुटने नहीं टेके

Story of Surajkali of Prayagraj : सूरजकली ने आगे बताया कि जमीन की यह लड़ाई 1989 से लड़ रही हैं लेकिन बाद की सरकारों बसपा एवं सपा में उनकी न तो सुनी गई और न ही उन्हें न्याय मिला। अतीक के हाथों अपनी जमीन गंवा चुकीं सूरजकली को शक है कि उनके पति को गायब कराने में अतीक का ही हाथ है। सूरजकली कहती हैं कि उन्हें अपने पति नहीं देखा।

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अतीक से कानूनी लड़ाई लड़ती रहीं सूरजकली।

Atiq Ahmad Murder Case : अतीक अहमद अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसके अत्याचार एवं जुल्म के निशान लंबे समय तक प्रयागराज की धरती पर मिलेंगे। उसके सताए हुए लोग एक-एक कर सामने आए हैं और उसकी अपराध की कुंडली सामने रखी है। इन्हीं में से एक हैं धूमनगंज की सूरजकली जिन्होंने इस बाहूबली के आगे कभी घुटने नहीं टेके। वह उससे लड़ती रहीं। आरोप है कि झलवा में सूरजकली की 12 बीघा जमीन हड़पने के लिए अतीक ने उनके पति को गायब करा दिया। सूरजकली अब सामने आई हैं और उन्होंने बताया कि कैसे अतीक ने सत्ता एवं ताकत के जोर पर उनकी जमीन हड़प ली। सूरजकली का आरोप है कि अतीक ने उन पर हमले कराए। एक हमले में उनकी पीठ पर कई गोलियां लगीं।

सूरजकली से सादे कागज पर अंगूठा लगवाया

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सूरजकली बताती हैं कि उनकी जमीन पर अतीक की नजर पड़ गई थी। उन्होंने बताया, 'एक बार अतीक ने मुझे बुलाया और कहा कि मेरे आदमी तुम्हें बुलाते हैं फिर भी तुम नहीं आती हो। जिस तरह से मुर्गे-मुर्गियों को जब्बे किया जाता है उसी तरह तुम्हें भी जब्बे कर देंगे। फिर उसने सादे कागज पर मेरे अंगूठे का निशान ले लिया। मैं डर गई। मेरे छह बच्चे हैं, बच्चों को नुकसान न पहुंचे, यह सोचकर मैंने सादे कागज पर अंगूठा लगा दिया।'

बाद की सरकारों में न्याय नहीं मिला

सूरजकली ने आगे बताया कि जमीन की यह लड़ाई 1989 से लड़ रही हैं लेकिन बाद की सरकारों बसपा एवं सपा में उनकी न तो सुनी गई और न ही उन्हें न्याय मिला। अतीक के हाथों अपनी जमीन गंवा चुकीं सूरजकली को शक है कि उनके पति को गायब कराने में अतीक का ही हाथ है। सूरजकली कहती हैं कि उन्हें अपने पति नहीं देखा। जाहिर है कि अतीक ने ही उनके पति को गायब कराया।

सूरजकली ने घुटने नहीं टेके

सूरजकली बताती हैं कि पति के गायब होने के बाद वह धूमनगंज थाने पहुंची तो पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। अतीक धीरे-धीरे ताकतवर होता गया। पहले विधायक और बाद में सांसद बनने के बाद उसे सत्ता का भी संरक्षण मिलने लगा। प्रयागराज में अतीक का खौफ पसरता चला गया। सताए हुए लोगों में इतना साहस नहीं था कि वे उसके खिलाफ आवाज उठाएं। अतीक के सामने पुलिस और प्रशासन बौने साबित हो गए। अपने खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करने पर अतीक ने उन्हें भी बहुत धमकाया लेकिन सूरजकली ने हार नहीं मानी उन्होंने अपनी जंग जारी रखी।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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