अतीक के आतंक की पाठशाला: शौक-ए-इलाही उर्फ चांद बाबा, जिसकी हत्या के बाद अतीक अहमद बन गया अपराध का बेताज बादशाह

Who is Chand Baba: 1980 के दशक के सबसे खूंखार अपराधी चांद बाबा से अतीक का क्या रिश्ता है? अतीक ने अपने ही गुरू चांद बाबा की हत्या क्यों की? और तो और अतीक के अपराधों की फेहरिस्त कितनी लंबी थी? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब नीचे पढ़िए....

अतीक अहमद

Atiq Ahmed Shot Dead: अतीक अहमद...प्रयागराज और पूरे उत्तर प्रदेश में आतंक की दुनिया का वह नाम है, जिससे लोग थर-थर कांपते थे। कहते हैं अतीक जिस गली मुड़ता, लोग रास्ता बदल लेते। उसके काफिले को दूर से ही देखकर लोग रुक जाते। इतना ही नहीं बड़े-बड़े अपराधियों के लिए भी अतीक का नाम ही काफी था। जिस प्रयागराज में एक समय अतीक की ऐसी तूती बोलती थी, उसी जगह पर उसका और उसके भाई का यह हश्न होगा, किसी ने सोचा नहीं था। सरेआम दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, वह भी ऑन कैमरा।
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अतीक के अंत के साथ ही उसकी आपराधिक कुंडली एक बार फिर से चर्चा में आ गई है। लोग जानना चाहते हैंं कि अतीक के अपराधों की शुरुआत कहां से हुई? 1980 के दशक के सबसे खूंखार अपराधी चांद बाबा से अतीक का क्या रिश्ता है? अतीक ने अपने ही गुरू चांद बाबा की हत्या क्यों की? और तो और अतीक के अपराधों की फेहरिस्त कितनी लंबी थी? ऐसे ही सभी सवालों के जवाब नीचे पढ़िए....
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कौन था चांद बाबा

1980 के दशक में चांद बाबा प्रयागराज में अपराध की दुनिया का दूसरा नाम हुआ करता था। उसका खौफ इतना था कि पुलिस अधिकारी भी उस पर हाथ डालने से डरते थे। कहा जाता है कि चांद बाबा के मंसूबे इतने बढ़े हुए थे कि एक बार उसने प्रयागराज की एक कोतवाली पर इतने बम बरसाए कि पूरी रात कोतावली व आसपास के लोग सो नहीं पाए। उसे लोग शौक-ए-इलाही उर्फ चांद बाबा के नाम से जानते थे। चांद बाबा के बढ़ते दबदबे से पुलिस तो परेशान थी, बल्कि नेता भी उसके खौफ को खत्म करना चाहते थे।
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