Atiq Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड में SIT ने तैयार की चार्जशीट, अब खुलेगा राज
Atiq Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्याकांड की जाच कर रही एसआईटी ने चार्जशीट तैयार कर ली है। एसआईटी ने मौके पर मौजूद लोगो के बयान, तीनो आरोपियों से पूछताछ, केस से संबंधित तथ्य और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार्जशीट तैयार की है।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्याकांड की एसआईटी जांच पूरी
Atiq Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को लेकर जांच कर रही एसआईटी ने चार्जशीट तैयार कर ली है। 14 जुलाई को हत्याकांड के 90 दिन पूरे हो रहे हैं। इससे पहले एसआईटी चार्जशीट दाखिल कर देगी। पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा ने 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में गठित टीम में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश शामिल हैं। 15 अप्रैल को धूमनगंज थाना पुलिस की कस्टडी में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या कर दी गई थी। सूत्रों की माने तो एसआईटी ने मौके पर मौजूद लोगो के बयान, तीनों आरोपियों से पूछताछ, केस से संबंधित तथ्य और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार्जशीट तैयार की है। चार्जशीट में सामने आया है कि तीनों शूटर्स घटना वाली रात काल्विन अस्पताल में पहले से मौजुद थे। 15 अप्रैल को लवलेश तिवारी कॉल्विन हॉस्पिटल पर सबसे पहले पहुंचा। वो 9 बजे फिर उसके 12 मिनट बाद अरुण मौर्य और सनी सिंह पहुंचे थे।
लवलेश सनी सिंह और अरुण मौर्या वहा मौजूद मीडिया कर्मियों के साथ अतीक अहमद और अशरफ का इंतजार करने लगे। लवलेश तिवारी योजना के तहत वीडियो बनाने के लिए मीडिया कर्मियों के बीच पहुंच गया। अतीक और अशरफ अहमद के आने बाद लवलेश तिवारी, अतीक अहमद के जीप से उतरने के दौरान उसके करीब पहुंचकर वीडियो बनाने की एक्टिंग करने लगा। और फिर साथ लाए असलाहो से पहले अतीक और फिर अशरफ पर हमला किया गया। एसआईटी को जांच के दौरान मिले सीसीटीवी और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर तीनों शूटरों के कॉल्विन अस्पताल पहुंचने के कई अहम सुबूत मिले हैं। 14 जुलाई को एसआईटी चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
उसकी हत्या काल्विन अस्पताल में मेडिकल कराने ले जाने के दौरान की गई थी। मौके से तीन शूटर लवलेश तिवारी,सनी सिंह और अरुण मौर्या गिरफ्तार किए गए थे। शूटर ने तुर्की की जिगाना और गिरसान पिस्टल के साथ ही एक देसी पिस्टल से हत्या की थी। शूटर्स को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने असलहे बरामद कर लिए थे। तीनों शूटर्स ने नाम कमाने और रातों-रात डॉन बनने के लिए हत्या की बात कबूल की थी।
सूत्रों के मुताबिक जांच में पता चला है कि तीनों शूटरों में लवलेश तिवारी कॉल्विन हॉस्पिटल पर सबसे पहले पहुंचा था। लवलेश तिवारी के पहुंचने के 12 मिनट बाद अरुण मौर्य और सनी सिंह पहुंचे थे। 15 अप्रैल की रात 9:10 पर लवलेश तिवारी कॉल्विन हॉस्पिटल के अंदर पहुंचा था। इसके 12 मिनट बाद सनी सिंह और अरुण मौर्या कॉल्विन अस्पताल के अंदर पहुंचे थे। एसआईटी 86 दिन की जांच के बाद भी तीनों शूटर्स से आगे नहीं बढ़ सकी।
माना जा रहा है कि एसआईटी की चार्जशीट में हत्या के लिए तीनों शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या का ही नाम है। एसआईटी हत्याकांड के पीछे साजिशकर्ता तक नहीं पहुंच सकी है। एसआईटी जिस तुर्की की जिगाना और गिरसान पिस्टल से हत्या की गई थी उसकी कड़ी भी नहीं जोड़ सकी है। सूत्रों के मुताबिक चार्जशीट में तीनों हत्यारोपियों को मनबढ़ बताया गया है।
हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली के गोगी गैंग और सुंदर भाटी गैंग से भी तार जुड़े बताए गए हैं। एसआईटी ने शूटर्स के पड़ोसियों और गांव वालों के भी बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों, मीडिया कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। फिलहाल तीनों आरोपी 14 जुलाई तक ज्यूडिशियल कस्टडी में प्रतापगढ़ जेल में बंद है।14 जुलाई को फिर से आरोपियों की सीजेएम कोर्ट में पेशी होगी। सुरक्षा के मद्देनजर वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी कराई जा सकती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
अतुल सुभाष का नाम ले-लेकर रोती रहीं उनकी मां, मीडिया के सामने मूर्छित हुईं, कहा-मेरे बेटे को प्रताड़ित किया गया, Video
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई
MVA छोड़ने को तैयार है कई नेता, हो सकते है महायुति में शामिल; बावनकुले के दावे से मचा हड़कंप
'अटल जी के साथ देखी राज कपूर की फिल्म 'फिर सुबह होगी', कपूर परिवार से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने साझा कीं पुरानी यादें
वक्फ बिल में संशोधन क्यों मंजूर नहीं, JPC के सामने अरशद मदनी ने दी अपनी दलील
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited