Atique Murder Case:तीनों आरोपी सिर्फ मोहरा, हैंडलर दे रहा था निर्देश, चौंकाने वाली जानकारी

Atique, Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ हत्याकांड में एसआईटी की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही है। मसलन पुलिस को अब यकीन हो रहा है कि कहीं ना कहीं तीनों बदमाश सिर्फ मोहरे थे उन्हें कोई और संचालित कर रहा था।

15 अप्रैल को हुई थी हत्या

Atique- Ashraf Murder Case: 15 अप्रैल को प्रयागराज में कॉल्विन अस्पताल के सामने तीन बदमाशों ने अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों आरोपियों से पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है। हत्या की तह तक पहुंचने के लिए गुरुवार को घटनास्थल पर सीन रिक्रिएट कर पूरे वारदात को समझने की कोशिश की गई। बताया जा रहा है सीन रिक्रिएशन के बाद एसआईटी को कुछ खास जानकारी मिली है, मसलन किसी हैंडलर के इशारे पर हत्याकांड को अंजाम दिया गया। एसआईटी का मानना है कि तीनों आरोपी सिर्फ गोली बरसाने तक ही शामिल थे, उन्हें किसी खास शख्स से इशारा मिला था। यह भी जानकारी सामने आई है कि तीनों आरोपियों के बयानों में काफी असमानता है। एक दूसरे से अलग अलग बयान साबित करते हैं कि तीनों को यह तो पता था कि किसी टारगेट को खत्म करना है। लेकिन उसके पीछे की वजह क्या है उसे बता पाने में वो नाकाम रहे।
इन सबके बीच नैनी सेंट्रल जेल के जेलर रहे एस एम अवस्थी एक खास प्रसंग का जिक्र करते हुए बताते हैं कि अतीक को राजनीतिक प्रश्रय किस हद तक हासिल था आप इस बात से समझ सकते हैं। उनके मुताबिक एक बार जेल में एक सामान्य कैदी जो हॉकर था उसकी मौत हुई। अतीक अहमद के कहने पर रात 12 बजे पोस्टमार्टम कराया गया। उस संबंध में अतीक ने एकत तरह से धमकी दी थी। अतीक के दबाव में ना सिर्फ उस कैदी का पोस्टमार्टम कराया गया बल्कि 6 गंभीर जख्मों का जिक्र किया गया। हालांकि जेल प्रशासन ने दोबारा री पोस्टमार्टम करने की अर्जी लगाई, अर्जी स्वीकार भी हुई। लेकिन कौशांबी में उस कैदी के शव को दफना दिया गया था। उस समय के कौशांबी के डीएम से दफ्न शव को निकालने का आग्रह किया गया। लेकिन उन्होंने मोहर्रम का हवाला देते हुए रीपोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया था। आप यहीं से अतीक अहमद के रसूख को समझ सकते हैं।
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