औरंगाबाद बना छत्रपति संभाजीनगर, उस्मानाबाद कहलाएगा धाराशिव, मोदी सरकार ने बदले नामों पर लगाई मुहर
मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के दो शहरों के नाम बदलने की मंजूरी दे दी। औरंगाबाद (Aurangabad) शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) और उस्मानाबाद (Osmanabad) शहर का नाम बदलकर धाराशिव (Dharashiv) किया गया।
मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के दो शहरों के नाम बदलने पर लगाई मुहर
मुंबई: मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद (Aurangabad) शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर (Chhatrapati Sambhajinagar) और उस्मानाबाद (Osmanabad) शहर का नाम बदलकर धाराशिव (Dharashiv) करने की मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने ट्विटर पर इस खबर को शेयर किया। औरंगाबाद का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।
योद्धा किंग छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के सबसे बड़े पुत्र छत्रपति संभाजी, अपने पिता द्वारा स्थापित मराठा राज्य के दूसरे शासक थे। संभाजी महाराज को 1689 में औरंगजेब के आदेश पर मृत्युदंड दिया गया था। उस्मानाबाद के पास एक गुफा परिसर का नाम धाराशिव है। कुछ विद्वानों के अनुसार 8 वीं शताब्दी का है। हिंदू दक्षिणपंथी संगठन लंबे समय से दोनों शहरों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे। फडणवीस ने गृह मंत्रालय से राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव को 24 फरवरी के दो लेटर ट्वीट किए।
जो वादा किया था, वह पूरा किया- एकनाथ शिंदे
पत्रों में कहा गया है कि केंद्र को मध्य महाराष्ट्र के इन दो शहरों के नाम में बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है। फडणवीस ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने जो वादा किया था, वह पूरा किया।
इससे पहले उद्धव ठाकरे कैबिनेट ने लिया था फैसला
गौरतलब है कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करना शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार का आखिरी कैबिनेट फैसला था, जो पिछले जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे के विद्रोह के बाद गिर गई थी। बाद में शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार ने उद्धव कैबिनेट के फैसले को रद्द कर दिया और इस पर नया फैसला लिया।
हम निंदा करते हैं और हम लड़ेंगे- AIMIM
खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए औरंगाबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता इम्तियाज जलील ने ट्वीट किया कि वे औरंगाबाद के लिए अपनी ताकत दिखाएंगे। औरंगाबाद हमारा शहर है, था और हमेशा रहेगा। अब औरंगाबाद के लिए हमारे शक्ति प्रदर्शन की प्रतीक्षा करें। हमारे प्यारे शहर के लिए एक विशाल मोर्चा! हमारे शहर के नाम पर राजनीति करने वाली इन ताकतों (बीजेपी) को हराने के लिए औरंगाबादी तैयार रहें। उन्होंने ट्वीट किया कि हम निंदा करते हैं और हम लड़ेंगे।
औरंगजेब का नाम मिट गया- शिवसेना यूबीटी
शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि नाम बदलना शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के रूख की जीत है। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने ट्वीट किया कि ठाकरे ने 9 मई 1988 को औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया था। उन्होंने लिखा कि काशी विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़ने वाले औरंगजेब का नाम मिट गया है।
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