औरंगजेब से लेकर वक्फ बिल तक हर मुद्दे पर संघ ने साफ किया अपना रुख, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में हर मुद्दे पर हुआ मंथन
Waqf Amendment Bill: आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने रविवार को गंगा-जमुनी संस्कृति के पैरोकारों की आलोचना की, जो विभिन्न संस्कृतियों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देते हैं, लेकिन औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी नायक नहीं माना।

औरंगजेब से लेकर वक्फ बिल तक हर मुद्दे पर संघ ने साफ किया अपना रुख
Waqf Amendment Bill: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने रविवार को गंगा-जमुनी संस्कृति के पैरोकारों की आलोचना की, जो विभिन्न संस्कृतियों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देते हैं, लेकिन औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को कभी नायक नहीं माना। उन्होंने तर्क दिया कि इससे सवाल उठता है कि भारत को अपने लोकाचार के साथ किसे जोड़ना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह धर्म का मामला नहीं है, बल्कि भारत की परंपराओं के अनुसार काम करने वाले व्यक्तियों के साथ पहचान करने का मामला है।
औरंगजेब ने जो किया उसके बाद उसको अपना आईकॉन कौन मानता है!
देश भर में औरंगजेब और मुस्लिम शासको की कब्र को लेकर कई हिंदू संगठन आक्रोश में है ऐसे में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी औरंगजेब को लेकर वक्तव्य पेश किया गया जिसमें संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबोले ने औरंगजेब के सवाल पर कहा कि औरंगजेब ने जो किया इसके लिए उसको आइकॉन नहीं मानना चाहिए, दिल्ली में औरंगजेब रोड था उसका नाम बदला गया, उसका नाम उनके भाई दारा शिकोह पर रखा गया क्यूं? जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं उनको ये सोचना चहिये की वो अपना आइकॉन औरंगजेब को मानते हैं या दारा शिकोह को, स्वतंत्रता की लड़ाई सिर्फ अंग्रेज़ों से बस नहीं लड़ी गई, शिवाजी और महाराणा प्रताप ने भी मुगलों से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी, वो भी स्वतंत्रता संग्राम था, देश के लोगों को तय करना है की उनको अपना आइकॉन औरंगजेब को मानते हैं या दारा शिकोह को?
वक्फ बिल पर संघ की दो टूक
वही वक्फ बिल को लेकर देश भर में हो रहे प्रदर्शन और आंदोलन के बीच संघ की तरफ से दोटूक शब्दों में कहा गया कि- वक्फ बिल जब सरकार लायेगी तब देखेंगे उसमें क्या है, लेकिन वक्फ बिल क्यूं लाया जा रहा है ये सब जानते हैं कर्नाटक से लेकर देश भर में क्या किया है वक्फ ने ये मीडिया में है, देश की जानता के लिए जो ठीक हो वो सरकार को करना चाहिए।
बीजेपी खुद तय करे अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष, संघ की इसमें कोई दखल नहीं देगी
भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने को लेकर जब संघ से सवाल किया गया तब दत्तात्रेय होसबोले ने स्पष्ट कर दिया कि संघ भाजपा के किसी भी संगठनात्मक निर्णय में दखलंदाजी नहीं करता है भाजपा अपने संविधान के मुताबिक ही अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनती है, प्रचारक देना नहीं देना ये सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं हैं, और भी संगठन हैं वो भी मांगेंगे तो उनको भी देंगे, बीजेपी के अलावा और भी 35 संगठन हैं उनके बारे में भी सवाल होना चाहिए लेकिन कोई नहीं पूछता, सभी संगठन अपने संविधान के अनुसार स्वतंत्रता हैं अपने संगठन के चुनाव के लिए, संघ अपने किसी भी अनुषांगिक संगठन को अपना अध्यक्ष चुनने पर विवश नहीं करता।
संघ शताब्दी वर्ष में विश्व शांति और संगठित हिंदू समाज के निर्माण के लिए करेगा कार्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में कई संकल्प लिए गए, जिसमें करोड़ों लोगों को संघ से जोड़ने का संकल्प भी लिया गया, संघ शताब्दी वर्ष में विश्व शांति और समृद्धि के लिए समरस और संगठित हिंदू समाज के निर्माण के लिए करेगा कार्य, प्रतिनिधि सभा ने संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर एक संकल्प पत्र जारी किया जिसमें कई बातों का मिश्रण किया गया है, संकल्प पत्र में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार का ज़िक्र किया गया है जिसमें संघ की स्थापना और उसके उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई है। संघ शताब्दी वर्ष में 6 अलग-अलग कार्य योजनाएं बनाई गई हैं जिसमें पहले शताब्दी वर्ष के शुभारंभ 2025 की विजयादशमी के अवसर पर मंडल या खंड नगर स्तर पर स्वयं सेवकों के गणवेश में उत्सव किए जाएंगे, दूसरा हर गांव, हर बस्ती, घर-घर व्यापक गृह संपर्क अभियान भी चलाया जाएगा, तीसरा हर मंडल और बस्ती स्तर पर हिंदू सम्मेलन किए जाएंगे चौथ सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन खंड और नगर स्तर पर किया जाएगा, पांचवा प्रमुख नागरिक गोष्टी इनका जिला केंद्र पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और छठवें नंबर पर युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो कि प्रांत स्तर पर होगा।
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हिमांशु तिवारी एक पत्रकार हैं जिन्हें प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का 16 साल का अनुभव है। मैंने अपना करियर क्राइम रिपोर्टर के रूप में शुरू किया था...और देखें

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