Ram Mandir : राम लला का 'सूर्य तिलक' प्रोजेक्ट, जानिए क्या है PM मोदी की प्रतिज्ञा

Ram Mandir News: राम लला की मू्र्ति पर सूर्य की किरणें पड़े इसके लिए राम नवमी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि राम नवमी की शुरुआत सूर्य को जल अर्पित करने के साथ होती है। भगवान राम भी सूर्य वंशी थे। मान्यता है कि वो रोजाना सूर्य की आराधना करते थे।

Ram Mandir News: पीएम मोदी ने रामलला का 'सूर्य तिलक' करने की शपथ ली है लेकिन कुछ लोगों ने छाती पीटना भी शुरू कर दिया है। हमारे यहां कुछ लोगों की आदत हो गई है कि जब भी मंदिरों की बात आती है, जब भी हिंदू संस्कृति और सनातनी मान्यताओं की बात आती है, तो ये लोग विरोध करना शुरू कर देते हैं। इन लोगों को इस बात से तकलीफ होती है कि पीएम मोदी हिंदू आस्था से जुड़ी चीजों पर इतना ध्यान क्यों दे रहे हैं। इनकी तकलीफ का नया चैप्टर शुरू हो गया है। और ये नई तकलीफ इस बात से है कि अयोध्या में भगवान राम का जो भव्य मंदिर बन रहा है, उससे जुड़े एक प्रोजेक्ट पर देश के कुछ साइंटिस्ट क्यों काम कर रहे हैं। ये प्रोजेक्ट राम लला के 'सूर्य तिलक' से जुड़ा है। पीएम मोदी चाहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण जब 2023 में पूरा हो और 2024 की राम नवमी आए तो 2024 की राम नवमी में राम लला का अभिषेक सूर्य की किरणों से हो।

भगवान राम भी सूर्य वंशी थे

राम लला की मू्र्ति पर सूर्य की किरणें पड़े इसके लिए राम नवमी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि राम नवमी की शुरुआत सूर्य को जल अर्पित करने के साथ होती है। भगवान राम भी सूर्य वंशी थे। मान्यता है कि वो रोजाना सूर्य की आराधना करते थे। वाल्मीकि रामायण के अनुसार अगस्त्य ऋषि ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय पाने के लिए सूर्य देव की अराधना करने को कहा था और उन्हें "आदित्य हृदय स्तोत्र" मंत्र दिया था। जिसके बाद भगवान राम ने सूर्य देव की अराधना की और रावण पर विजय प्राप्त की। इस वजह से भी राम नवमी पर सूर्य देव की आराधना भी की जाती है। राम मंदिर के चिन्ह पर भी सूर्य बना हुआ है।

रिसर्च का काम कर रही CSIR

राम लला का सूर्य की किरणों से अभिषेक हो, इस पर CSIR यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च काम कर रही है। जो एक सरकारी संस्था है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इसी से कुछ लोगों को दिक्कत है। इनमें से एक है महुआ मोइत्रा, जो टीएमसी की सांसद हैं। राम मंदिर प्रोजेक्ट से जुड़े CSIR के एक ट्वीट को महुआ मोइत्रा ने रिट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में ये दावा किया कि एक सीनियर साइंटिस्ट ने उन्हें बताया कि वो भारतीय साइंटिस्ट समुदाय का हिस्सा होने पर शर्मिंदा है।महुआ मोइत्रा ने आगे लिखा कि CSIR दुनिया की सबसे पड़ी पब्लिक फंडेड research and development संस्था है। महुआ मोइत्रा ने ये भी लिखा कि टैक्सपेयर्स के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है। ये शर्मनाक है। ये नई गिरावट है।

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