एक छोटी सी चूक से आजम खान को मिली थी बड़ी राहत, जानें-अभियोजन पक्ष ने क्या कहा
Azam Khan Hate Speech Case: जिस वजह से यानी हेट स्पीच मामले की वजह से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान अपनी सदस्यता खो बैठे थे। लेकिन उस मामले में अब वो बरी हो चुके हैं। अदालत ने कहा कि रामपुर के तत्कालीन डीएम खुद वादी क्यों नहीं बने।
2019 हेट स्पीच मामले में आजम खान बरी हो चुके हैं।
Azam Khan Hate Speech Case: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को भड़काऊ भाषण मामले में बरी किए जाने पर संयुक्त निदेशक अभियोजन राजेश शुक्ला ने शुक्रवार को कहा कि रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया है।राजेश शुक्ला ने एएनआई को बताया, "रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले पर हमने सावधानीपूर्वक विचार किया है। एआर कमेटी एक पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी और मामले को अदालत में अपील करेगी। हमारे द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी किसी दबाव में दर्ज नहीं की गई। चुनावी वीडियोग्राफी में बोले गए शब्द गलत पाए जाने पर प्राथमिकी दर्ज की गई।2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में अदालत ने बुधवार को सपा नेता को बरी कर दिया।
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2019 में दर्ज हुआ था केस
इससे पहले अक्टूबर 2022 में, समाजवादी पार्टी के नेता को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने उनके खिलाफ दायर एक अभद्र भाषा के मामले में दोषी ठहराया था।उत्तर प्रदेश के सीएम और रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में खान के खिलाफ अप्रैल 2019 में रामपुर में मामला दर्ज किया गया था।
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