बाबा रामदेव में सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी, कहा- हमसे भूल हुई, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी
रामदेव ने अदालत में कहा- करोड़ों लोग मुझसे जुड़े हैं, अब इस तथ्य के प्रति जागरूक रहूंगा। ये मेरे लिए भी अशोभनीय है, आगे से नही होगा। भविष्य में अब सौ प्रतिशत इसका ध्यान रखेंगे।
बाबा रामदेव
Baba Ramdev in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अवहेलना के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने खुद सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी, हालांकि उनकी माफी स्वीकार नहीं की गई है। योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वे भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हैं। रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ से कहा, मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हूं। शीर्ष अदालत ने कक्ष में मौजूद रामदेव और बालकृष्ण को पीठ के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा। पीठ ने कहा कि उन्हें महसूस होना चाहिए कि उनका अदालत से जुड़ाव है।
बिना शर्त मांगी माफी
रामदेव और बालकृष्ण ने अपने उत्पादों की औषधीय प्रभावशीलता के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले कंपनी के विज्ञापनों पर शीर्ष अदालत के समक्ष बिना शर्त मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दो अलग-अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगी। शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा। पतंजलि ने यह भी कहा था कि असर के संबंध में या चिकित्सा की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा।
अदालत ने कहा, नहीं लगता कि आपका हृदय परिवर्तन हुआ हैसुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप इस तरह की बात मत करिए। आपके रवैए से यह नहीं लगता कि आपका हृदय परिवर्तन हुआ है। हम आदेश जारी करेंगे। बालकृष्ण के बयान पर सुप्रीम कोर्ट बेहद नाराज हुआ। बालकृष्ण ने कोर्ट से कहा कि रामदेव किसी भी संस्था के पद पर नहीं हैं। इस पर रामदेव ने कहा, अब पुनरावृत्ति नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि अभी हमने मन नहीं बनाया है कि आपको माफ करें या नही। एक नहीं तीन बार आपने उल्लंघन किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अवहेलना के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने खुद सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी। अदालत में उन्होंने कहा कि हम आगे से ऐसी गलती नहीं करेंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हमारे यहां ढेर सारी पद्धतियां है, इसके लिए क्या दूसरी पद्धति को खराब बताया जाए। बाबा रामदेव ने कहा कि हमारा मकसद कभी भी अदालत की गरिमा घटाना नहीं था। अदालत ने कहा कि जो आपने किया है क्या उसके लिए हम माफी दें?
आदेश के बावजूद एडवरटाइजिंग छापा
जज ने कहा कि आपने कोर्ट के आदेश के बावजूद एडवरटाइजिंग छापा। भाषण दिया कि महर्षि चरक के समय से आयुर्वेद चल रहा है। अपनी पद्धति के लिए दूसरे की पद्दति को रद्द करने की बात क्यों कही। बाबा रामदेव ने कहा, परम आदरणीय न्यायमूर्ति महोदय, जो भी हमसे भूल हुई उसके लिए बिना शर्त माफी मांगी है। हमारी ऐसी मंशा नहीं है। हमने 5000 से ज्यादा रिसर्च किए हैं। आयुर्वेद का हमने मेडिसिन के स्तर पर अनुसंधान किया है।
आपने कोर्ट की अवहेलना की है
अदालत ने कहा कि आप इस रास्ते नहीं जाएंगे। ये हक आपको किसी ने नहीं दिया। आप यहां इसलिए है कि आपने कोर्ट की अवहेलना की है। रामदेव ने कहा, हमें उस समय नहीं कहना चाहिए था, हमने अपने एविडेंस पर बात की थी। कोर्ट ने कहा कि लाइलाज बीमारियों के लिए जो दवाइयां बनती है उनका प्रचार नहीं किया जाता। ये कोई नहीं कर सकता, किसी ने नहीं किया। प्रेस में जाकर आपने बिल्कुल गैर-जिम्मेदाराना हरकत की है।
बाबा बोले, आगे से नही होगा
रामदेव ने जवाब दिया, करोड़ों लोग मुझसे जुड़े हैं, अब इस तथ्य के प्रति जागरूक रहूंगा। ये मेरे लिए भी अशोभनीय है, आगे से नही होगा। भविष्य में अब सौ प्रतिशत इसका ध्यान रखेंगे। वहीं, बालकृष्ण ने कहा, जो भी स्वामी जी ने कहा वो अज्ञानता में हुआ है। आगे से हम इसका ध्यान रखेंगे। हमे ऐसा नहीं करना चाहिए था, हम क्षमा प्रार्थी हैं। कोर्ट ने कहा कि आप अच्छा काम कर रहे हैं करिए, लेकिन एलोपैथी को आप ऐसे नहीं कह सकते हैं।
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