अंधविश्वास बनाम चमत्कार, बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- नहीं हूं भगोड़ा

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आश्रम को बागेश्वर धाम कहा जाता है। इनके खिलाफ नागपुर की एक संस्था नें अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इस तरह के आरोप पर उन्होंने खुल कर जवाब दिया।

Bageswar Dham Controversy: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चा में तो पहले से रहा करते थे। लेकिन नागपुर की अंधविश्वास निर्मूलन समिति द्वारा केस किए जाने के बाद उनकी चर्चा और बढ़ गई है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देश और दुनिया बागेश्वर धाम वाले बाबा के नाम से जानती है। अंधविश्वास का आरोप लगाने वाली संस्था का कहना है कि वो चमत्कार की बात कह समाज को गुमराह कर रहे हैं। इन्हीं सब सवालों का जवाब देते हुए बागेश्वर धाम ने कहा कि चादर चढ़ाना अंधविश्वास नहीं है। लेकिन अर्जी का नारियल चढ़ाना अंधविश्वास है। वो भागने वाले भगोड़ों में से नहीं हैं। वो हर मुश्किल और चुनौती का सामना करने वालों में से हैं। उन्होंने खुद को ईश्वर कभी नहीं कहा। वो लोगों के मन में उठ रहे सवालों और भावों को पढ़ लेने की क्षमता रखते हैं और उसके हिसाब से उपाय बताते हैं। अगर उनकी इस सेवा से लोगों को फायदा होता है तो दूसरों को आपत्ति क्यों होनी चाहिए। उन्होंने किसी दूसरे धर्म का कभी अनादर नहीं किया है।

हिंदू धर्म का प्रचार कुछ लोगों को नहीं आ रहा रास

बागेश्वर धाम ने कहा कि चमत्कार का दावा कभी नहीं किया। दरअसल लोग अपनी परेशानियों को लेकर आते हैं और वो उन्हें कम करने का उपाय बताते हैं। यही बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रही। लेकिन वो किसी भी विरोध का तार्किक तरीके से जवाब देने के लिए तैयार हैं। उनके हर कथन के पीछे तर्कों की लंबी लिस्ट है। दरअसल कुछ लोगों को हिंदू धर्म का प्रचार और प्रसार रास नहीं आ रहा। लिहाज उनके ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि वो हर एक सवालों का सामना करते हुए जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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