'...अनुच्छेद 21 का क्या होगा', जमानत न देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों को यांत्रिक तरीके से और बिना कोई कारण बताए जमानत आदेशों पर रोक लगाने से बचना चाहिए। ​न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अदालतें किसी आरोपी की स्वतंत्रता को लापरवाह तरीके से बाधित नहीं कर सकतीं।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को दी कड़ी चेतावनी।
  • यांत्रिक तरीके से जमानत आदेशों पर रोक लगाने से बचें: कोर्ट।

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अदालतों को यांत्रिक तरीके से और बिना कोई कारण बताए जमानत आदेशों पर रोक लगाने से बचना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि किसी आरोपी को राहत देने से केवल दुर्लभ और अपवादस्वरूप मामलों में ही इनकार किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने क्या कुछ कहा?

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अदालतें किसी आरोपी की स्वतंत्रता को लापरवाह तरीके से बाधित नहीं कर सकतीं।

पीठ ने कहा, “अदालतों को जमानत आदेश पर सिर्फ दुर्लभ और अपवादस्वरूप मामलों में ही रोक लगानी चाहिए, जैसे कोई व्यक्ति आतंकवादी मामलों में शामिल हो, जहां आदेश विकृत हो या कानून के प्रावधानों को दरकिनार किया गया हो। आप इस तरह से स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं कर सकते। यह विनाशकारी होगा। अगर हम इस तरह से स्थगन देते हैं तो यह विनाशकारी होगा। (आखिर) अनुच्छेद 21 का क्या होगा।”

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कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

शीर्ष कोर्ट ने धनशोधन के एक मामले में आरोपी परविंदर सिंह खुराना की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए ये टिप्पणियां कीं। खुराना ने निचली कोर्ट द्वारा पारित जमानत आदेश पर अस्थायी रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि अदालतों को जमानत आदेश पर ''लापरवाही से'' रोक नहीं लगानी चाहिए। हाई कोर्ट के आदेश पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा था कि यह निर्देश चौंकाने वाला है। न्यायमूर्ति ओका ने टिप्पणी की थी कि जब तक वह आतंकवादी नहीं है, तब तक रोकने का क्या कारण है?

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HC ने जमानत पर लगाई थी रोक

पिछले साल 17 जून को पीएमएलए मामले में अधीनस्थ कोर्ट ने परविंदर सिंह खुराना को जमानत दे दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सात जून को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी और परविंदर सिंह खुराना की जमानत बहाल कर दी।

(इनपुट: भाषा)

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अनुराग गुप्ता author

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