Balasore Train Accident: संचार साथी पोर्टल ने असंभव को किया संभव, शवों की पहचान करने में ऐसे की मदद

Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के हादसे में 278 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें अज्ञात और लावारिस बने शव की पहचान करने में दूरसंचार मंत्रालय का संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi portal) मृत यात्रियों की पहचान करने में मदद की।

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Odisha train accident: संचार साथी पोर्टल की काफी मदद

Balasore Train Accident: ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के मद्देनजर राहत और बचाव कार्य के दौरान उत्पन्न चुनौतियों के बीच दूरसंचार मंत्रालय का संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi portal) के तहत मरने वाले यात्रियों की पहचान करने में बहुत मददगार साबित हुई। संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले महीने संचार साथी पोर्टल लॉन्च किया था। संचार साथी पोर्टल यूजर्स को पूरे भारत में अपने खोए हुए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक और ट्रैक करने की अनुमति देता है और उनके नाम पर उपलब्ध सिम कार्ड को भी ट्रैक करता है। यह टैक्नोलॉजी बालासोर में तीन-ट्रेनों टक्कर के दौरान उपयोगी साबित हुई जिसमें 278 लोगों की मौत हो गई थी। टैक्नोलॉजी के उपयोग से मृतक यात्रियों के डिटेल की पहचान करने में मदद मिली जिनके शव अज्ञात और लावारिस बने हुए थे।

दूरसंचार मंत्रालय के एक सूत्र ने एएनआई को बताया परमुटेशन और कॉम्बिनेशन के जरिये चेहरे की पहचान का उपयोग लोगों और उनके मोबाइल नंबरों की पहचान करने के लिए काफी हद तक किया गया था। एक बार मोबाइल नंबर सिस्टम में फीड हो जाने के बाद हम इन यात्रियों के पते और अन्य प्रासंगिक संपर्क नंबरों को ट्रैक करने में सक्षम थे। जिनकी दुर्भाग्य से मृत्यु हो गई। रेलवे दुर्घटना में और उनके परिवारों को पता नहीं था। सूत्र ने कहा कि 100 से अधिक शव जिनकी पहचान और दावा नहीं किया गया था। इस तकनीक ने हमें 64 नामों की पहचान करने में मदद की और उनमें से हम 48 परिवारों से जुड़ने में सक्षम थे।

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह केवल संपर्क नंबरों का उपयोग नहीं कर रहा था क्योंकि दुर्घटना के प्रभाव के कारण मौके पर पहचान प्रमाण का अभाव था और कहा कि एक बार लीड मिलने के बाद रेलवे और दूरसंचार के स्थानीय अधिकारियों को कहा गया था मृतक के परिजनों से उनके घर जाकर संपर्क करें। संचार साथी सरकार द्वारा अपने डिजिटल पुश में शुरू की गई पहल में से एक है। अधिकारियों ने कहा कि संचार साथी पोर्टल का उपयोग करते हुए, 40 लाख से अधिक फर्जी कनेक्शनों की पहचान की गई है और 36 लाख से अधिक कनेक्शन काट दिए गए हैं।

मंत्रालय द्वारा पिछले महीने शुरू की गई तीन पहल में शामिल हैं -

  • CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर)
  • चोरी/खोए हुए मोबाइल को ब्लॉक करने के लिए
  • अपने मोबाइल कनेक्शन को जानने के लिए

किसी के नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल कनेक्शन और ASTR (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फॉर टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन) के बारे में जानकारी के लिए धोखेबाज ग्राहकों की पहचान करने के लिए है। पहचान की चोरी और जाली केवाईसी दस्तावेजों जैसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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