रामपुर विधानसभा सीट पर अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक, आजम खान की अपील पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश
हेट स्पीच मामले (Hate speech case) दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खान (Azam Khan) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसकी सु्नवाई 10 नवंबर को होगी। शीर्ष अदालत ने फैसला आने तक चुनाव आयोग (Election Commission) को निर्देश दिया कि रामपुर विधानसभा सीट पर चुनाव (Rampur Assembly seat election) की अधिसूचना जारी ना करे।
सपा नेता आजम खान
सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर के सत्र न्यायालय को 10 नवंबर को नफरत भरे भाषण मामले (hate speech case) में दोषी ठहराए जाने पर रोक लगाने की मांग वाली आजम खान (Azam Khan) की अर्जी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग (Election Commission) को 11 नवंबर को या उसके बाद रामपुर विधानसभा सीट (यूपी में) के चुनाव (Rampur Assembly seat election) कार्यक्रम की घोषणा के लिए एक गजट अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया, जो कि सपा नेता आजम खान की सजा पर रोक के आवेदन के परिणाम पर निर्भर करता है।संबंधित खबरें
गौर हो कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच के मामले में दोषी करार देते हुए 3 साल जेल की सजा सुनाई थी। अदालत के इस फैसले के बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2013 में जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अगर किसी सांसद या विधायक को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उसकी संसद और विधानसभा से सदस्यता कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के दिन से रद्द हो जाता है।संबंधित खबरें
इसी कानून के तहत समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द की गई। 2019 के हेट स्पीच मामले में आजम खान को 3 साल जेल की सजा और 6 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। खान ने यूपी विधानसभा चुनाव में रामपुर सदर विधानसभा सीट से रिकॉर्ड 10 वीं बार जीत हासिल की थी। विधायक बनने के बाद उन्होंने रामपुर से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।संबंधित खबरें
आजम खान को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 153-क (धार्मिक भावनाएं भड़काना), 505-क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत सजा सुनाई गई थी।संबंधित खबरें
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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