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पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी लगना चाहिए बैन- लालू प्रसाद यादव

पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी लगना चाहिए बैन- लालू प्रसाद यादव

पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी लगना चाहिए बैन- लालू प्रसाद यादव

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पांच साल के लिए बैन लग चुका है। इस फ्रंट के बारे में तरह तरह की जानकारियां थी कि यह देश को तोड़ने की कोशिश में जुटा हुआ है। 22 सितंबर और 27 सितंबर की कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने सख्त फैसला करते हुए इसे प्रतिबंधित संगठनों की श्रेणी में डाल दिया। केंद्र सरकार के इस फैसले पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है। आईयूएमएल ने सरकार के इस कदम की तारीफ की तो विपक्ष के कुछ हल्कों से आवाज आई कि आरएसएस के बारे में क्या विचार है। इन सबके बीच सरकार ने साफ किया है कि पीएफआई पर बैन लगाने का फैसला पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर है। इस विषय पर किसी भी दल को सियासी चश्मे से इतर देखना चाहिए। देश की एकता और अखंडता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।

Sep 28, 2022 | 01:54 PM IST

'पीएफआई पर बैन का समर्थन नहीं'

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएफआई प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
Sep 28, 2022 | 01:05 PM IST

'आरएसएस पर भी लगना चाहिए बैन'

पीएफआई बैन पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादवका कहना है कि पीएफआई की जांच की जा रही है। आरएसएस सहित पीएफआई जैसे सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और जांच होनी चाहिए।
Sep 28, 2022 | 12:03 PM IST

'पूरी जांच के बाद ही हुई कार्रवाई'

PFI पर प्रतिबंध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि एनआईए इसकी जांच कर रही थी और सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। अगर वे (PFI) खतरनाक नहीं होते तो उन पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाता?
Sep 28, 2022 | 12:02 PM IST

आगे क्या करना है तैयारी पूरी- हिमंता बिस्वा सरमा

Sep 28, 2022 | 11:29 AM IST

पीएफआई बैन का अजमेर दरगाह ने किया स्वागत

अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख जैनुल आबेदीन अली खान ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कानून के अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए की गई है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए।खान ने कहा कि देश सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं, देश किसी भी संस्था या विचार से बड़ा है और अगर कोई इस देश को तोड़ने, यहां की एकता और संप्रभुता को तोड़ने की बात करता है, देश की शांति खराब करने की बात करता है, तो उसे इस देश में रहने का अधिकार नहीं है।उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार पीएफआई की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की खबरें आ रही हैं और इस पर लगाया गया प्रतिबंध देश हित में है।उन्‍होंने कहा, “मैंने खुद पहली बार सरकार से दो साल पहले पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।” उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया है।केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है।गृह मंत्रालय ने कहा कि उक्त कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है।
Sep 28, 2022 | 11:26 AM IST

'बैन के बाद सिमी एनडीएफ बना फिर पीएफआई'

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के विधायक एम के मुनीर ने कहा कि हम PFI पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करते हैं। हमें सेक्युलर तरीके से भी आरएसएस के खिलाफ लड़ना है। प्रतिबंध सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता है। पहले सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) पर प्रतिबंध लगा था, लेकिन एनडीएफ (नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट), पीएफआई बाद में उभरा।
Sep 28, 2022 | 11:23 AM IST

'देश को तोड़ने वाले स्वीकार्य नहीं'

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, "यह 'न्यू इंडिया' है, जहां आतंकवादी, अपराधी और संगठन और देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।"
Sep 28, 2022 | 11:14 AM IST

'पीएफआई राजनीतिक दल, नहीं होना चाहिए था बैन'

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने कहा कि PFI बैन नहीं होना चाहिए था, मुसलमानों की हितैषी पार्टी है इसीलिए बैन किया गया है। मुसलमानों की पार्टी तो AIMIM भी है लेकिन उसपर तो बैन नहीं है तो कहा अब यही तो बात है क्या वो देश विरोधी है?PFI को राजनैतिक दल माना कहा मैं राजनीतिक दल मानता हूं। उन्होंने कहा कि पीएफआई मुसलमानों की हितैषी है लिहाजा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है।
Sep 28, 2022 | 10:33 AM IST

पीएफआई समेत 9 संगठनों पर ताला

Sep 28, 2022 | 10:32 AM IST

शाहीन बाग इलाके में बढ़ाई गई सुरक्षा

केंद्र सरकार द्वारा आज 5 साल के लिए PFI और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित करने के बाद शाहीन बाग इलाके में कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
Sep 28, 2022 | 10:17 AM IST

केंद्र सरकार का फैसला स्वागतयोग्य

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि देश की अखंडता, संप्रभुता और कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश करने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत है। सीएम ने इस फैसले के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।
Sep 28, 2022 | 10:05 AM IST

'देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं'

Sep 28, 2022 | 09:38 AM IST

'पीएफआई पर बैन बीजेपी सरकार में अघोषित आपातकाल'

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम के फैजी ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र भाजपा सरकार का निर्णय लोकतंत्र और भारतीय संविधान में निहित लोगों के अधिकारों पर सीधा आघात है।भाजपा शासन की गलत और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिसने भी बात की, उसे गिरफ्तारियों और छापेमारी की धमकियों का सामना करना पड़ा है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध और संगठन को भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ शासन द्वारा बेरहमी से दबा दिया गया है। सरकार जांच एजेंसियों और कानूनों का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने और लोगों को असंतोष की आवाज व्यक्त करने से डराने के लिए कर रही है। एम के फैजी ने कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।फैजी ने कहा कि यह समय है कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों और लोगों को तानाशाही शासन का विरोध करने और भारतीय संविधान के लोकतंत्र और मूल्यों को बचाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करना चाहिए।
Sep 28, 2022 | 09:20 AM IST

एक मारा, सॉलिड मारा- नीतेश राणे

Sep 28, 2022 | 09:17 AM IST

2006 में पीएफआई का गठन

पीएफआई की शुरुआत 16 साल पहले दक्षिण भारत से हुई थी। 2006 मं मनिथा नीति पसाराई (एमएनपी) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (एनडीएफ) नाम के संगठनों ने मिलकर पीएफआई का गठन किया था। साउथ इंडिया के बाद देखते-देखते यह यूपी और बिहार समेत लगभग 23 सूबों तक अपने पैर पसार चुका था।
Sep 28, 2022 | 09:16 AM IST

22 सितंबर और 27 सितंबर को हुई थी छापेमारी

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसी की टीम ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में 22 सितंबर को पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी। उसके 106 नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई की संलिप्तता वाले 19 मामलों की जांच कर रही है।
Sep 28, 2022 | 09:16 AM IST

पीएफआई पर बैन जरूरी था

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बुधवार को बेंगलुरु में कहा- राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ। उसी समय हम कह रहे थे कि पीएफआई का इसमें हाथ था। यहां (कर्नाटक में) पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार था उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इसपर (पीएफआई) बैन जरूरी था।
Sep 28, 2022 | 09:15 AM IST

आठ और संगठनों पर बैन

केंद्र की ओर से इस कार्रवाई के अलावा आठ और संगठनों पर भी टेरर लिंक को लेकर चाबुक चलाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कनफडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन व रिहैब फाउंडेशन (केरल)

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