Bangalore-Chennai Bullet Train: बैंगलोर-चेन्नई बुलेट ट्रेन लाने की तैयारी, प्रोजेक्ट का अहम चरण हुआ शुरू
चेन्नई से कोलार तक फैला भूमि सर्वेक्षण पहले ही सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जो इस महत्वपूर्ण परियोजना में एक अहम कदम है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
Bangalore-Chennai Bullet Train: मुंबई-अहमदाबाद की तर्ज पर अब दक्षिणी राज्यों की राजधानियों के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजना पर काम चल रहा है। मैसूरु-बेंगलुरु-चेन्नई बुलेट ट्रेन परियोजना जोर पकड़ रही है। फिलहाल भूमि सर्वेक्षण का काम जोरों पर है, जिससे हवाई सर्वेक्षण जल्द ही शुरू होने का रास्ता खुल गया है। हैदराबाद स्थित एक फर्म को व्यापक उपग्रह और भूमि सर्वेक्षण करने का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। जब ये सर्वेक्षण समाप्त हो जाएंगे, तो विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) का मसौदा तैयार करने का काम शुरू होगा।
चेन्नई से कोलार तक फैला भूमि सर्वेक्षण पूरा
चेन्नई से कोलार तक फैला भूमि सर्वेक्षण पहले ही सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जो इस महत्वपूर्ण परियोजना में एक अहम कदम है। कई साल पहले नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के निर्माण के लिए आधार तैयार किया था। एनएचएसआरसीएल ने कई हाई-स्पीड मार्गों की गहन जांच शुरू की, जिसमें मैसूरु-चेन्नई शीर्ष दावेदार में से एक के रूप में सामने आया।
अभी बेंगलुरु और मैसूर के बीच रेल यात्रा का सबसे तेज साधन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जो दो घंटे की अवधि में पूरा होता है। इसी तरह इसी ट्रेन को चेन्नई तक का रास्ता तय करने में लगभग 4.25 घंटे लगते हैं। हाई-स्पीड कॉरिडोर में मैसूर और चेन्नई के बीच यात्रा के समय में अत्यधिक कमी होगी, जिससे 435 किमी की दूरी सिर्फ 1.10 घंटे में सिमट जाएगी। राइडरशिप अध्ययन परियोजना की समय-सीमा में एक महत्वपूर्ण चरण को चिह्नित करता है और परियोजना का रास्ता निर्धारित करने में बेहद महत्वपूर्ण है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण क्यों है:
मांग का अनुमान: यह सर्वे यातायात डेटा का सूक्ष्म विश्लेषण महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल गलियारों के लिए संभावित मांग और सवारियों के अनुमानों को लेकर अहम जानकारी देगा।
व्यापक डेटा पूल: बेंगलुरु-चेन्नई राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा से पिछले पांच वर्षों में एकत्रित यातायात डेटा, रेल और हवाई यात्रा डेटा के साथ सामूहिक रूप से अध्ययन के निष्कर्षों को बताएगा।
विविध इनपुट चैनल: व्यापक सर्वेक्षण डेटा स्रोतों की एक श्रृंखला से लिया गया है, जिसमें पिछले पांच वर्षों के वाहन पंजीकरण रिकॉर्ड के साथ-साथ सरकारी और निजी बस ऑपरेटरों के इनपुट शामिल हैं।
किराया निर्धारण: खास तौर पर सर्वेक्षण के नतीजे बुलेट ट्रेन की किराया संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, भुगतान करने की इच्छा (Willingness to Pay) की जानकारी मिलेगी।
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अमित कुमार मंडल author
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