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ढीली पड़ गई बांग्लादेश की ऐंठ, भारत से बोला- मोहम्मद यूनुस की एक बैठक PM मोदी के साथ करा दें

PM Modi-Yunus talks : पांच अगस्त के बाद बांग्लादेश में हिंदू सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ कट्टरपंथी तत्वों ने बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू की। खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। उनके मंदिरों, संपत्तियों और कारोबार पर हमले हुए। हिंदू पुरुषों की हत्या और महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं हुईं। देश में जितने भी गैर-मुस्लिम समुदाय थे सभी हिंसा के शिकार हुए।

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पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं मोहम्मद यूनुस।

PM Modi-Yunus talks : बीते पांच अगस्त के तख्तापलट के बाद भारत को तेवर दिखाने वाले बांग्लादेश की ऐंठन कमजोर पड़ गई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के लिए भारत से हाथ-पांव जोड़ने लगा है। वह चाहता है कि अगले महीने बैंकाक में बिमस्टेक की होने वाली बैठक में पीएम मोदी, उसके मुख्य सलाहकार युनूस से मिल लें। इसके लिए उसने भारतीय विदेश मंत्रालय से औपचारिक रूप से गुहार लगाई है। थाईलैंड में 2 से 4 अप्रैल तक बिम्स्टेक समिट का आयोजन हो रहा है। इसके लिए दोनों नेता बैंकाक की यात्रा कर सकते हैं।

28 मार्च को जिनपिंग से मिलेंगे

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने ANI के साथ बातचीत में कहा कि 'बिम्स्टेक समिट से इतर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात कराने के लिए हमने राजनयिक चैनल से भारत से अनुरोध किया है।' बैंकाक में यूनुस 28 मार्च को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। बिम्सटेक (BIMSTEC) का पूरा नाम 'बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन' है, जो बंगाल की खाड़ी के आस-पास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।

पांच अगस्त से बांग्लादेश में हुई हिंसा की शुरुआत

पांच अगस्त के बाद बांग्लादेश में हिंदू सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ कट्टरपंथी तत्वों ने बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू की। खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। उनके मंदिरों, संपत्तियों और कारोबार पर हमले हुए। हिंदू पुरुषों की हत्या और महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं हुईं। देश में जितने भी गैर-मुस्लिम समुदाय थे सभी हिंसा के शिकार हुए। भारत सरकार बार-बार हिंदू और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का गुहार लगाती रही लेकिन बांग्लादेश हाथ पर हाथ धर कर बैठा रहा और चरमपंथी तत्वों को एक तरीके से खुली छूट दी। इस हिंसा की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में काफी तल्खी आ गई।

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