Bangladesh Violence: बॉर्डर पर बढ़ने लगा दबाव, BSF ने पश्चिम बंगाल सीमा पर बांग्लादेशी समूह को रोका, भेजा वापस
BSF अधिकारियों ने बताया कि यह घटना झापोर्टला सीमा चौकी क्षेत्र में दक्षिण बेरुबारी गांव के पास हुई। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) बाद में उन्हें वापस ले गया।
बांग्लादेश में हिंसा
- बांग्लादेश में तख्तापलट, हिंसा के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर दबाव बढ़ने लगा
- यहां से बांग्लादेशी भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश में लगे
- बीएसएफ ने करीब 120-140 बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह को रोका
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट, हिंसा और अराजकता के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर दबाव बढ़ने लगा है। यहां से बांग्लादेशी भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश में लगे हैं। इन्हें रोकने के लिए बीएसएफ भी पूरी तरह से मुस्तैद है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को करीब 120-140 बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह को रोका, जो पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बीएसएफ हाई अलर्ट पर
अधिकारियों के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में ढाका में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से ही सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना दार्जिलिंग के कदमतला में स्थित बीएसएफ के मुख्यालय के अधिकार क्षेत्र में दो स्थानों पर दिन में हुई। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के फील्ड कमांडरों ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के अपने समकक्षों से संपर्क किया और महिलाओं और बच्चों के साथ आए 120-140 लोगों के इस समूह को रोका गया और उन्हें वापस जाने को कहा गया। अधिकारियों ने बताया कि सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है। बीएसएफ पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिलों समेत कुल 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के 932.39 किलोमीटर हिस्से की रक्षा करती है।
बीजीबी वापस ले गया
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना झापोर्टला सीमा चौकी क्षेत्र में दक्षिण बेरुबारी गांव के पास हुई। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) बाद में उन्हें वापस ले गया। उन्होंने कहा कि ये लोग बांग्लादेश के पंचगढ़ जिले के पांच गांवों के थे जिसकी सीमा जलपाईगुड़ी से लगती है। बीएसएफ के अधिकारी ने कहा, बांग्लादेशी सीमा पर एकत्र हुए थे, लेकिन सीमा पूरी तरह सील होने के कारण कोई भी भारत में प्रवेश नहीं कर सका। बाद में, बीजीबी उन्हें वापस ले गया। इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कंटीले तारों के पार इकट्ठा हुए लोग अंदर आने देने की गुहार लगा रहे थे।
कहा, हम असहाय हैं
व्यक्ति ने कहा, लेकिन हम असहाय हैं। उन्होंने (बांग्लादेशियों) अपने भयावह अनुभव बताए। भीषण हिंसा के चलते शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ने और भागने के लिए मजबूर होने के बाद बांग्लादेश में अनिश्चितता व्याप्त है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद भंग कर दी और नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया है।
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