पहला चुनाव और वो भी डिप्टी सीएम चाचा के खिलाफ, महाराष्ट्र में पवार बनाम पवार की लड़ाई में उलझा बारामती का समीकरण

एनसीपी (एसपी) ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए युगेन्द्र को मैदान में उतारा है, जो अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। यह युगेन्द्र का पहला चुनाव है। पिछले छह महीनों में पुणे जिले के अपने गृह क्षेत्र बारामती में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह दूसरा चुनावी मुकाबला है।

शरद पवार ने अजीत पवार के खिलाफ उन्हीं के भतीजे को उतारा

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बारामती सीट पर पवार बनाम पवार की लड़ाई फिक्स हो गई है। बारामती सीट पर भतीज अजित पवार के खिलाफ शरद पवार ने अपने पोते युगेन्द्र पवार को टिकट दे दिया है। युगेन्द्र पवार पहली बार चुनावी मैदान में और अजित पवार के भतीजे हैं।

युगेन्द्र पवार की पहली चुनावी लड़ाई

महाराष्ट्र के बारामती में पवार परिवार के भीतर एक और राजनीति द्वंद्व के लिए मंच सजने के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (एनसीपी-एसपी) उम्मीदवार युगेन्द्र पवार ने कहा कि इस सीट पर चाचा अजित पवार के खिलाफ लड़ना उनके लिए एक चुनौती है, लेकिन वह चिंतित नहीं हैं, क्योंकि सद्भावना और आशीर्वाद उनके साथ हैं। युगेन्द्र ने कहा कि बारामती के लोगों ने ही उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है। बारामती से ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए गए एक टेलीफोन साक्षात्कार में युगेन्द्र ने कहा, ‘‘जब मेरे चाचा (अजित पवार) ने काम किया और बारामती चुनाव लड़ा, तो शरद पवार साहब का आशीर्वाद उनके साथ था... लेकिन अब यह आशीर्वाद मेरे साथ है। (शरद) पवार साहब के पास अधिक अनुभव है जो मेरे लिए मजबूत आधार और समर्थन है। मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य करते हैं, मैं शिक्षण संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हुआ हूं। मेरी फैक्टरी यहीं है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं। यह 99 प्रतिशत (शरद) पवार साहब का प्रेम है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है।’’

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