अब नहीं रुलाएगा प्याज, बार्क ने निकाली नायाब तकनीक
Control Onion Prices : भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ने ऐसी नायाब तकनीक निकाली है, जिससे प्याज का लंबे समय तक भंडारण किया जा सकता है। इस तकनीक से सालों भर इसकी उपलब्धता तो सुनिश्चित की ही जा सकती है, इसकी कीमत को भी काबू में रखा जा सकता है।
अब प्याज की कीमत लोगों को नहीं करेगी परेशान।
Onion Prices News: साल भर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने और कम सेल्फ लाइफ की वजह से भंडारण में होने वाले नुकसान को कम करने की दिशा में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की इकाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ने बड़ी सफलता हासिल की है। बार्क ने रेडिएशन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का विकास किया है। इससे, प्याज का लंबे समय तक भंडारण किया जा सकता है जिससे सालों भर इसकी उपलब्धता तो सुनिश्चित की ही जा सकती है, इसकी कीमत को भी काबू में रखा जा सकता है।
इस वजह चुनौतियों का करना पड़ता है सामना
प्याज की खेती साल भर नहीं होती, तो प्याज के किसान और व्यापारी वजन की कमी, सूक्ष्मजीवों की वजह से सड़न और अंकुरण जैसी चुनौतियों का भी सामना करते हैं। इन वजहों से प्याज के बाजार भाव में उतार-चढ़ाव होता रहता है और फसल के भंडारण में भी भारी नुकसान होता है। ऐसे में बार्क ने अपने अनुसंधान और विकास और कमर्शल ट्रायल से इंटिग्रेटेड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का विकास किया है। इसमें प्याज को रेडिएशन से प्रोसेस किया जाता है। इस तकनीक से विशिष्ट कोल्ड स्टोरेज में प्याज को अब साढेृ सात महीने ज्यादा स्टोर किया जा सकता है।
जानें नुकसान को नियंत्रित करने का प्लान
जाहिर है, इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर अब पैदावार के बाद होने वाले नुकसान को नियंत्रित किया जा सकता है और सालों भर अच्छी क्वॉलिटी वाले प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। साथ ही, इससे प्याज की कीमतों को काबू में रखा जा सकता है। इसका लाभ बड़े पैमाने पर किसानों, कृषक संगठनों और उपभोक्ताओं को मिल सकता है। इसके लिए बार्क ने उपभोक्ता मामले विभाग, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ और केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले मंत्रालय के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसमें एकीकृत कोल्ड स्टोरेज के साथ विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्याज के संरक्षण पर बड़े पैमाने पर परीक्षण शामिल है।
हर पैमाने पर खरी उतरी ये तकनीक
नासिक के लासलगांव में 1000 टन प्याज की इस तकनीक से प्रोसेसिंग हुई जो हर पैमाने पर पूरी से तरह से खरी उतरी। बेशक यह बार्क की खाद्य संरक्षण को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह प्रौद्योगिकी बड़े पैमाने पर प्याज की गुणवत्ता और ताजगी को संरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है। गौरतलब है कि इस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए लासलगांव स्थित कृषि उत्पादन संरक्षण केंद्र (कृषक) को खास तौर पर अपग्रेड किया गया है। यहां 250 टन क्षमता का अपनी तरह का पहला इंटिग्रेटेड अनियन स्पेसिफिक कोल्ड स्टोरेज है, यहां 65% की नियंत्रित आर्द्रता की सुविधा है, जो रेडिएशन से प्रोसेस किए गए प्याज को लंबे समय तक अच्छी क्वॉलिटी का बनाए रखने मे सक्षम है. यहां हाल ही में किसान मेला का आयोजन किया गया था, ताकि किसानों को रेडिएशन टेक्नॉलजी के फायदों के बारे में बताया जा सके।
इस मौके पर परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर अजीत कुमार मोहंती ने संरक्षण से जुड़े परीक्षणों और किसान मेला के आयोजन की सराहना की। बार्क, मुंबई के निदेशक विवेक भसीन ने कहा कि रेडिएशन से कृषि उत्पादों के संरक्षण का बड़े पैमाने पर सफल परीक्षण भारत में खाद्य संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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