ममता सरकार ने शेख शाहजहां को CBI को सौंपने से किया इनकार, खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
5 जनवरी को संदेशखाली में भीड़ द्वारा ईडी की टीम पर हमला किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के कई सदस्य घायल हो गए थे।
शेख शाहजहां
Sheikh Shahjahan Case: पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया है। शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए सीबीआई अधिकारियों की एक टीम भबानी भवन पहुंची, जो पश्चिम बंगाल पुलिस मुख्यालय है। हालांकि, टीम शेख को लिए बिना ही लौट आई। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को 5 जनवरी को संदेशखली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले के मामले में शेख शाहजहां को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
ममता सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने कहा कि राज्य पुलिस ने पूरी स्थिति को कम करके आंका क्योंकि शाहजहां 29 फरवरी को गिरफ्तार होने से पहले 55 दिनों तक फरार था। विपक्षी नेताओं के लगातार दौरे से मामले ने तूल पकड़ लिया था। शाहजहां की गिरफ्तारी में पुलिस लगातार ढिलाई बरत रही थी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा जिसने न सिर्फ विपक्षी नेताओं को संदेशखाली जाने की इजाजत दी बल्कि शेख को भी गिरफ्तार करने का आदेश सुनाया। इसके बाद ही शेख को गिरफ्तार किया जा सका। इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य पुलिस से जांच को सीबीआई को ट्रांसफर करने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
ईडी की टीम पर हमला
बता दें कि 5 जनवरी को संदेशखाली में भीड़ द्वारा ईडी की टीम पर हमला किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के कई सदस्य घायल हो गए थे। यह हमला तब हुआ जब ईडी अधिकारी करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में शेख शाहजहां के घर पर छापा मारने गए थे। शेख शाहजहां को 55 दिनों की फरारी के बाद 29 फरवरी को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। शाहजहां और उसके गुर्गों पर संदेशखाली में कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का भी आरोप है।
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