बंगाल चुनाव हिंसा: ममता के लिए नजीर हैं योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश में 2019 से नहीं हुई चुनावों में कोई हिंसा
मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के कारण और चुनाव संबंधी हिंसा में 15 लोगों की मौत के बाद इन केंद्रों पर पंचायत चुनाव के दौरान हुए मतदान को अमान्य घोषित कर दिया गया था।
Bengal Panchayat Elections Violence: बंगाल पंचायत चुनाव में जमकर हिंसा हुई है। मतदान के दौरान पूरे प्रदेश में हिंसा हुई। इस दौरान मतदानकर्मी और पुलिसकर्मी मूकदर्शक बनकर मतदान केंद्रों पर हो रही लूट को देखते रहे। चुनाव में बैलेट की जगह बुलेट का ही पूरा जोर दिखा। पहले ही दिन हिंसा में करीब 15 लोगों की मौत हो गई। व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बाद आज कई जगहों पर दोबारा मतदान हो रहा है।
ममता सरकार के लिए यूपी एक उदाहरण
इस मामले में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश ममता सरकार के लिए नजीर बन सकता है। लोकसभा चुनाव 2019 से लेकर हाल ही में हुए निकाय चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण संपन्न हुए हैं। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों, 2021 में पंचायतीराज चुनाव, 2022 में विधानसभा चुनाव और 2023 में निकाय चुनाव का शांतिपूर्ण संपन्न होना इस बात का गवाह है कि कानून व्यवस्था का राज हो तो बिना हिंसा के चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।
खास बात ये है कि यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर निकाय चुनाव तक कानून व्यवस्था पूरी तरह यूपी पुलिस के हाथ रही। वहीं, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। ऐसे में बंगाल के लिए यूपी की कानून-व्यवस्था एक बड़ा उदाहरण है।
बंगाल हिंसा में अब तक 40 की मौत
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हुई हिंसा में करीब 15 लोगों की मौत हुई है। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अभी तक लगभग 35 लोगों की जान गई है। एक तरफ तो पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान भारी हिंसा और अराजकता हुई है, वहीं यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से अब तक हुए सभी चुनाव बिना हिंसा से संपन्न हो गए। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में भी कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में यूपी में हुए पंचायत चुनाव में 75 जिलों में 2.02 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। यूपी में 12.43 करोड़ से अधिक मतदाता थे। वहीं पश्चिम बंगाल में 61, 636 मतदान केंद्रों पर जिला परिषद की 928, पंचायत समिति की 9730 और ग्राम पंचायत की 63,229 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं।
पश्चिम बंगाल के 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान
पश्चिम बंगाल में 19 जिलों के 696 मतदान केंद्रों पर पंचायत चुनाव के लिए सोमवार को पुनर्मतदान जारी है। मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों के कारण और चुनाव संबंधी हिंसा में 15 लोगों की मौत के बाद इन केंद्रों पर पंचायत चुनाव के दौरान हुए मतदान को अमान्य घोषित कर दिया गया था। मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और प्रत्येक मतदान केंद्र पर राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बल के चार जवान तैनात हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मतपेटियां के समय पर नहीं पहुंचने के कारण कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान देर से शुरू हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि जिन जिलों में पुनर्मतदान जारी है, वहां से किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन पुलिस ने उन पर काबू पा लिया। उन्होंने बताया कि नादिया के तेहट्टा में एक सड़क सुबह अवरुद्ध कर दी गई, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे बहाल करवा दिया। पूर्व मेदिनीपुर जिले के मयना में एक मतदान केंद्र के बाहर मतदाताओं ने प्रदर्शन किया।
इन जिलों में दोबारा मतदान
अधिकारियों ने बताया कि जिन जिलों में पुनर्मतदान की घोषणा की गई है उनमें मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 175 मतदान केंद्र और उसके बाद मालदा में 109 मतदान केंद्र हैं। नादिया में 89 मतदान केंद्र पर, कूच बिहार में 53, उत्तर 24 परगना में 46, उत्तर दिनाजपुर में 42, दक्षिण 24 परगना में 36, पूर्व मेदिनीपुर में 31 और हुगली में 29 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि दार्जिलिंग, झाड़ग्राम और कलिम्पोंग जिलों में पुनर्मतदान का आदेश नहीं दिया गया।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को 61,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ था। कई स्थानों पर मतपेटियां लूट ली गईं या उनमें आग लगा दी गईं और उन्हें तालाबों में फेंक दिया गया जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी। राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान में 5.67 करोड़ लोग मतदान करने के पात्र थे।
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