कोलकाता: डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के खिलाफ निकली रैलियां, रात भर के धरने पर बैठीं प्रमुख हस्तियां

महामिच्छिल की रैली में भाग लेने वाले लोगों में कई प्रमुख फिल्मी हस्तियां और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता शामिल थे, जो व्यस्त एस्प्लेनेड क्षेत्र में धरने पर बैठे और न्याय और हल्ला बोल के नारे लगाते हुए सोमवार सुबह तक वहीं रूकने का संकल्प व्यक्त किया।

Kolkata doctor case

प्रमुख हस्तियों का धरना

मुख्य बातें
  • कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से बलात्कार-हत्या के विरोध में फिल्मी हस्तियों का रात भर धरना प्रदर्शन
  • निर्देशक अपर्णा सेन और बांग्ला फिल्म उद्योग की कई प्रमुख हस्तियां हजारों लोगों के साथ एक विशाल रैली में शामिल हुईं
  • महामिच्छिल की रैली में भाग लेने वाले लोगों में कई प्रमुख फिल्मी हस्तियां और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता शामिल थे
Overnight Protests in Kolkata: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से बलात्कार व उसकी हत्या के विरोध में फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन और बांग्ला फिल्म उद्योग की कई प्रमुख हस्तियां रविवार को हजारों लोगों के साथ एक विशाल रैली में शामिल हुईं। उन्होंने उसके लिए न्याय की मांग की। पिछले महीने की शुरूआत में यहां आरजी कर अस्पताल में यह घटना हुई थी। महामिच्छिल की रैली में भाग लेने वाले लोगों में कई प्रमुख फिल्मी हस्तियां और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता शामिल थे, जो व्यस्त एस्प्लेनेड क्षेत्र में धरने पर बैठे और न्याय और हल्ला बोल के नारे लगाते हुए सोमवार सुबह तक वहीं रूकने का संकल्प व्यक्त किया।

शहरों में कई जगह रैलियां

महामिच्छिल के अलावा, शहर में अन्य जगहों पर दो अन्य रैलियां आयोजित की गईं। एक रैली का आयोजन रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया था, जबकि दूसरी रैली में एक प्रसिद्ध कॉन्वेंट स्कूल के छात्र और पूर्व छात्र शामिल थे, दोनों ने डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की। कॉलेज स्क्वायर से शुरू हुई इस विशाल रैली में, सेन ने स्वस्तिका मुखर्जी, सुदीप्त चक्रवर्ती, चैती घोषाल, सोहिनी सरकार और अन्य साथी कलाकारों के साथ सेंट्रल एवेन्यू में मार्च किया और स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की। हजारों समर्थकों के साथ रैली में शामिल लोगों ने जवाहरलाल नेहरू रोड-एस एन बनर्जी रोड चौराहे पर कब्जा कर लिया और सोमवार सुबह चार बजे तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प जताया।

सरकार हमसे बातचीत करे

यह पूछे जाने पर कि क्या वे सुबह चार बजे तक वहां रहेंगे, निर्देशक बिरसा दासगुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, हमने प्रशासन को एक ई-मेल भेजा है। हम चाहते हैं कि कोई आकर हमसे बातचीत करे। अभिनेत्री स्वस्तिका मुखर्जी ने कहा, हम जानते हैं कि सीबीआई मामले की जांच कर रही है, लेकिन खबरों से पता चलता है कि डॉक्टर की मौत के बाद कुछ विवरणों को दबाने की कोशिश की जा सकती है। हमें जवाब चाहिए। उन्होंने कहा, हम सुबह चार बजे तक यहां रहेंगे। प्रशासन को लग सकता है कि आगामी त्योहारी मौसम के साथ आंदोलन की गति कम हो जाएगी, लेकिन दुर्गा पूजा उत्सव के बाद यह फिर से शुरू होगा और बड़ा होगा। हम समझते हैं कि छोटे व्यवसाय मालिक इस आंदोलन से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन वे हमारे साथ हैं।

हम न्याय की मांग को लेकर एकजुट

उन्होंने कहा, नौ अगस्त की घटना को कई दिन बीत चुके हैं। शुरुआती गिरफ्तारी के बाद हमें जांच एजेंसी से कोई और जानकारी नहीं मिली है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मौत को आत्महत्या बताकर खारिज करने की पहली कोशिश और सिर्फ एक गिरफ्तारी ने राज्य के लोगों को सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया है। हम न्याय की मांग को लेकर एकजुट हैं। इससे पहले, रैली की शुरुआत में अपर्णा सेन ने संवाददाताओं से कहा, हम न्याय की मांग करते हुए एक साथ सड़क पर चल रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो मैं फिर से सड़क पर उतरूंगी। उन्होंने कहा कि आम लोगों को जवाब मांगने और सच्चाई जानने का अधिकार है। गहरी पीड़ा हमारे दिल की गहराई से निकलती है। लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है और हम जांच को लेकर आशान्वित हैं।

जूनियर डॉक्टरों का दल भी रैली में शामिल

आरजी कर घटना के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों का एक मंच भी रैली में शामिल हुआ। दक्षिण कोलकाता में, रामकृष्ण मिशन स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के पूर्व छात्रों ने गोलपार्क से रवींद्र सदन एक्साइड क्रॉसिंग तक ‘तमसो मां ज्योतिर्गमय’ संदेश वाले बैनर लेकर मार्च निकाला और निष्पक्ष जांच और अपराध में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। एक अन्य रैली में, सेंट जॉन्स डायोसेसन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की वर्तमान छात्राओं और अभिभावकों के साथ लगभग 300 पूर्व छात्राएं मिंटो पार्क से स्कूल परिसर तक गए और फिर ए जे सी बोस रोड पर एक्साइड क्रॉसिंग के पास मानव श्रृंखला बनाई। उन्होंने रैली में ‘हमारी रीढ़ की हड्डी बिकाऊ नहीं है’ नारे के साथ रीढ़ की प्रतीकात्मक छवियां भी प्रदर्शित कीं।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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