Exclusive: बेंगलुरु विपक्षी एकता की इनसाइड स्टोरी, जानिए किन मुद्दों को सुलझाएंगी 26 विपक्षी पार्टियां
Opposition Meeting: बेंगलुरु की बैठक इस लिहाज से खास है कि इसमें यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी शामिल हो रही हैं। ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि गठजोड़ का चेयरपर्सन उन्हीं का हो क्योंकि वो सबसे बड़ा दल हैं। बाकी विपक्षी दल पर भी ये निर्भर करेगा वो किसे चुनें।
Opposition Parties Meet: विपक्षी एकता के बैठक का दूसरा एडिशन आज से बेंगलुरु में शुरू हो रहा है। इस बार ये बैठक कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में है। पटना की बैठक में परफेक्ट पिक्चर फ्रेम पेश करने के बाद अब बारी बड़े मसलों को सुलझाने की है। टाइम्स नाउ नवभारत पर आपको हम सिलसिलेवार तरीके से इस बैठक की इनसाइड डिटेल देने जा रहे हैं।
सोनिया गांधी ही बनेंगी विपक्षी एकता की नेता!
बेंगलुरु की बैठक इस लिहाज से खास है कि इसमें यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी शामिल हो रही हैं। ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि गठजोड़ का चेयरपर्सन उन्हीं का हो क्योंकि वो सबसे बड़ा दल हैं। बाकी विपक्षी दल पर भी ये निर्भर करेगा वो किसे चुनें। हालांकि सोनिया गांधी के नाम पर किसी दल को ऐतराज नहीं है क्योंकि वो पीएम पद की दावेदार नहीं है। इसके अलावा विपक्षी गठबंधन का नाम संयुक्त प्रगतिशील गठबंध ही रहे या कोई और नाम रखा जाए, ये कांग्रेस ने बाकी के विपक्षी दलों पर छोड़ दिया है।
संयोजक के नाम पर भी होगी चर्चा
गठबंधन के चेयरपर्सन के अलावा संयोजक के नाम पर भी मीटिंग में चर्चा होगी। पिछली बार कुछ दलों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक अगर नीतीश के नाम पर सहमति बनती है तो कांग्रेस इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
चुनावी मुद्दों, ईवीएम में सुधार की मांग के लिए बनेगी सब कमिटी
बीजेपी वाले एनडीए के बढ़ते कुनबे के सामने कांग्रेस वाला महाजुटान भी 26 पार्टियों का हो चुका है। आज और कल की बैठक में दो से तीन सब ग्रुप या समन्वय समिति बनाये जाने का प्रस्ताव है। इन समन्वय समितियों का मुद्दा होगा-
1. लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ कौन से मुद्दे उठाने हैं, किन मुद्दों पर आंदोलन करना है और सावरकर, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण जैसे किन मुद्दों पर चुप रहना है, इस पर रणनीति बनाने के लिए एक सब ग्रुप बनेगा।
2. इस बैठक के बाद राज्यवार सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू होगी। सीटों के बंटवारे पर सभी दलों की राज्य इकाइयां भी राय देंगी। इसके लिए एक सब ग्रुप के गठन का प्रस्ताव दिया गया है।
3. किसी भी आपात मुद्दे पर आनन फानन में सभी 26 दलों के नेता एक साथ नहीं मिल सकते, ऐसी स्थिति एक ऐसे ग्रुप का गठन हो जो आपसी समन्वय कायम कर सके।
4. सभी 26 विपक्षी दलों का एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाये जाने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
5.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को चुनौती देने के बाद आम लोगों के मुद्दों पर फोकस रखा जाए और 2024 का चुनाव मोदी बनाम जनता कर दिया जाए।
6. EVM को लेकर आ रही समस्याओं, शिकायतों और चुनाव आयोग में संगठनात्मक सुधार के लिए सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी।
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टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पे...और देखें
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