बेंगलुरु में बनेगा साउथ एशिया का सबसे ऊंचा स्काईडेक, 500 करोड़ रुपये आएगी लागत; कर्नाटक कैबिनेट ने दी मंजूरी

Bengaluru Skydeck: कर्नाटक सरकार की कैबिनेट में स्काईडेक परियोजना को बनाने की मंजूरी दे दी है, जो दक्षिण एशिया की सबसे ऊंची संरचना होगी। इस स्काईडेक को बनाने में 500 करोड़ की लागत आएगी।

बेंगलुरु में बनेगा दक्षिण एशिया का सबसे ऊंचा स्काईडेक

Bengaluru Skydeck: कर्नाटक कैबिनेट ने बेंगलुरु स्काईडेक की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी है। बेंगलुरु स्काईडेक दक्षिण एशिया की सबसे ऊंची संरचना होगी, जिसकी लागत 500 करोड़ रुपये होगी। यह परियोजना शहर के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी और भारतीय तकनीकी राजधानी का 360 डिग्री दृश्य प्रदान करेगी। यह टावर लगभग 250 मीटर ऊंचा होगा। बता दें, बेंगलुरु स्काईडेक दिल्ली में कुतुब मीनार से तीन गुना ऊंची होगी। अभी सीएनटीसी प्रेसिडेंशियल टॉवर को बेंगलुरू की सबसे ऊंची इमारत माना जाता है जिसकी अनुमानित ऊंचाई 160 मीटर से अधिक है।

स्काईडेक का निर्माण पर आयेगा 500 करोड़ का खर्चा

कर्नाटक के कानून, संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने दक्षिण एशिया के सबसे ऊंचे स्काईडेक को मंजूरी दे दी है। स्काईडेक का निर्माण शहर में 500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जो भारत की प्रौद्योगिकी राजधानी का 360 डिग्री दृश्य दिखाएगा। बाहरी बेंगलुरु में नाइस रोड पर बनने वाले स्काईडेक में पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी और इसे मेट्रो रेल से जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटकों को पहुंचने में किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। एक भव्य शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अलावा, स्काईडेक के अंदर शामिल अन्य सुविधाओं की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है।

जानकारी के मुताबिक, सरकार शुरू में स्काईडेक को बेंगलुरु के बीच में बनाना चाहती थी लेकिन दो बड़ी चुनौतियां सामने आईं। पहली, शहर के बीच में 25 एकड़ जमीन मिलना मुश्किल था और दूसरी, बेंगलुरु शहर के कई इलाकों में रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठान हैं, जिन्होंने इतने ऊंचे टावर पर अपनी आपत्ति जताई। शहर के बीचों-बीच एक बहुत ऊंचा टावर होने से नागरिकों, सैन्य हवाई अड्डों को खतरा हो सकता था। इसलिए, स्काईडेक परियोजना को बाहरी बेंगलुरु के लिए मंजूरी दी गई है।

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