Bennett University Convocation: सीएम योगी ने बताया- गोरखपुर में किस तरह किया इंसेफलाइटिस पर काबू, कैसी-कैसी थीं चुनौतियां

सीएम योगी ने कहा, जापान में इंसेफलाइटिस की वैक्सीन 1905 में बन गई थी। गोरखपुर में इस वैक्सीन को आने में 100 साल लगे। 2005 में वैक्सीन आई लेकिन वह भी हमें पूरी मात्रा में नहीं मिल पाया।

बेनेट यूनिवर्सिटी में सीएम योगी

Bennett University Convocation: बेनेट यूनिवर्सिटी के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह 2023 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि किस तरह सरकार के प्रयासों से गोरखपुर में इंसेफलाइटिस पर काबू पाया गया। इस दौरान उन्होंने कोरोना महमारी का जिक्र करते हुए कहा कि मजबूत लीडरशिप में ही भारत इससे निपट पाया। सीएम योगी ने उस दौर का जिक्र करते हुए कहा, जब मैं सांसद बना तो एक कार्यकर्ता ने कहा कि क्या मैंने कभी मेडिकल कॉलेज का कभी दौरा किया है। इसके बाद मैंने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। वहां बहुत दुर्व्यवस्था थी। अस्पताल प्रशासन ने कोशिश की कि मैं वहां नहीं जा पाऊं। जून का महीना था, भीषण गरमी थी, टॉयलेट चोक थे। एक-एक बेड पर चार-चार बच्चे लेटे थे। प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज से अपने घर जा चुके थे। मैंने उनसे मिलने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। मैंने राज्य सरकार के सामने भी मुद्दा उठाया।

संसद में नहीं मिला मामला उठाने का मौका

सीएम योगी ने कहा, संसद में मैंने मामला उठाने का प्रयास किया, लेकिन मौका नहीं मिला, कहा गया कि ये राज्य का मामला है। फिर मुझे 2-3 वर्षों बाद संसद में मामला उठाने का मौका मिला। मुझे आश्चर्य होता था कि उस समय इस बीमारी (इंसेफलाइटिस) को देखते हुए स्थानीय स्तर पर, राज्य स्तर और केंद्र स्तर पर जो संवेदना होनी चाहिए थी वो नहीं दिखी। संसद चलती थी, तो मैं किसी न किसी तरह इस मामले को बहस में शामिल कराता था। तब जुलाई से लेकर नवंबर के बीच 1200-1500 बच्चों की मौत होती थी। लोग दहशत में जीते थे।

सीएम योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर में वैक्सीन आने में 100 साल लगे

उन्होंने कहा, जापान में इंसेफलाइटिस की वैक्सीन 1905 में बन गई थी। गोरखपुर में इस वैक्सीन को आने में 100 साल लगे। 2005 में वैक्सीन आई लेकिन वह भी हमें पूरी मात्रा में नहीं मिल पाया। 2017 में हमारी सरकार बनी तो मुझे ही सीएम बना दिया तो मैंने खुद से पूछा कि जो 40 साल से जो समाधान नहीं हो पाया, मैं क्या कर पाऊंगा। मेरे लिए तो 5 साल का समय है। तब अनुभव मेरे काम आया। मैंने सीएम बनते हैं विभागों में समन्वय कराया। स्वास्थ्य विभाग को नोडल एजेंसी बनाया, साफ-सफाई सहित सभी व्यवस्थाएं कराईं। इसके बाद परिणाम आया कि जिस बीमारी से हर साल 1200-1500 मौतें होती थी, अब मुझे बताते हुए गर्व होता है कि आज इंसेफलाइटिस से बीमारी जीरो है। इनसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने के लिए हमें प्रयास करने पड़े। 100 साल तक बच्चों को टीका नहीं मिल पाया।

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