त्रिपुरा सीएम: भद्रलोक नेता बनाम हवाई चप्पल मिनिस्टर की दावेदारी, कौन किस पर भारी?

जब माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला तो उन्हें आगे की चुनौती के बारे में बखूबी पता था। उनके सामने पार्टी की सत्ता में वापसी की चुनौती थी जिसे उन्होंने बखूबी पूरा भी किया।

Manika Saha and Pratima Bhoumik

माणिक साहा और प्रतिमा भौमिक के बीच मुकाबला (Credit: ANI-Twitter)

एक तरफ त्रिपुरा के भद्रलोक माने जाने वाला नेता तो दूसरी तरफ हवाई चप्पल वाली केंद्रीय मंत्री। दोनों के बीच सीएम पद को लेकर मुकाबला चल रहा है। हम बात कर रहे हैं त्रिपुरा के दो नेताओं माणिक साहा केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक की। त्रिपुरा में भाजपा ने दूसरी बार सत्ता वापसी कर विपक्ष को खामोश कर दिया। लेकिन पार्टी का मंथन खत्म नहीं हुआ अब चर्चा हो रही है कि सीएम की कमान इन दोनों में से किसके हाथ में दी जाए।

भद्रलोक नेता बनाम जुझारू महिला चेहरा

माणिक साहा राजनीति में आने से पहले एक सर्जन रहे हैं। उन्हें त्रिपुरा की सियासत में एक भद्रलोक नेता के रूप में पहचाना जाता है। वह कभी विवादित बयान नहीं देते हैं और न कभी सख्त लहजे का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक की छवि एक जुझारू नेता की है जो ममता बनर्जी की तर्ज पर सियासत की दुनिया में हवाई चप्पल पहनकर आम जनता से जुड़ने का संदेश देती हैं। वह केंद्रीय मंत्री भी हैं और अपनी जीत का श्रेय पीएम मोदी को देती हैं।

साहा ने भाजपा को जिताने की चुनौती पार की

जब माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला तो उन्हें आगे की चुनौती के बारे में बखूबी पता था। उनके सामने पार्टी की सत्ता में वापसी की चुनौती थी जिसे उन्होंने बखूबी पूरा भी किया। अब जब उन्होंने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कि जिताने की चुनौती को पार कर लिया है, तो बड़ा सवाल ये पैदा हो गया कि क्या साहा मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे? क्योंकि चुनाव जीतने के तुरंत बाद चर्चा छिड़ने लगी कि धनपुर की मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने वाली और 3,500 से अधिक वोटों से जीतने वाली केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी दौड़ में हैं।

भाजपा सरकार 8 मार्च को लेगी शपथ

भाजपा सरकार 8 मार्च को शपथ लेगी इसलिए आज या कल सीएम के नाम की घोषणा होने की उम्मीद है। इसे लेकर आज हाईकमान की बैठक में मंथन भी चल रहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को त्रिपुरा का दौरा किया और सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। प्रतिमा भौमिक को उनके साथ एयरपोर्ट पर भी देखा गया था। साहा की 'भद्रलोक' की छवि है और उन्होंने पिछले एक साल में कानून व्यवस्था बनाए रखी है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के एक वर्ग का कहना है कि पिछले साल मुख्यमंत्री के रूप में उनके नेतृत्व में कोई हिंसा नहीं हुई। ये बात साहा के पक्ष में जा सकती है।

आदिवासी फैक्टर और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के बीच साहा ने न केवल अपनी सीट से चुनाव लड़ा, बल्कि सभी सीटों पर सक्षम नेतृत्व दिया और प्रचार के दौरान साफ कर दिया कि त्रिपुरा शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने सभी के साथ संतुलन बनाए रखा और पार्टी के छोटे कार्यकर्ताओं और बाहरी लोगों के साथ भी अच्छा बर्ताव किया। कई लोगों का कहना है कि उन तक पहुंचना आसान है।

प्रतिमा भौमिक के लिए कितना मौका?

वहीं, प्रतिमा भौमिक का संघर्ष का इतिहास रहा है और उन्होंने त्रिपुरा में पार्टी को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपनी साधारण सूती साड़ियों और हवाई चप्पलों के लिए जानी जाती हैं। वह एक मजबूत महिला नेता हैं। उनका बंगाल की सीएम अंदाज ममता बनर्जी से मिलता-जुलता है। ये सभी फैक्टर उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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