Bhagalpur Bridge Collapse: बिहार पुल हादसे के लिए जिम्मेदार कौन? जानिए निर्माण कंपनी के टेक्निकल ऑफिसर ने क्या कहा

Bhagalpur Bridge Collapse: बिहार में गंगा नदी पर बन रहा अगुवानी-सुल्तानगंज ब्रिज दो बार गिर चुका है। रविवार को भी इसका एक हिस्सा गंगा नदी में समा गया। इस ब्रिज के निर्माण को लेकर कंपनी पहले ही सवालों के घेरे में है।

Bhagalpur Bridge Collapse: बिहार में कल यानी 4 जून को बड़ा हादसा हो गया। दरअसल भागलपुर में निर्माणाधीन पुल (अगुवानी-सुल्तानगंज ब्रिज) भरभराकर गिर गया। इस घटना का खौफनाक वीडियो भी सामने आया है। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस दौरान Times Now Navbharat की संवाददाता ने SP Singla Pvt Ltd के अधिकारी से बातचीत की। जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा।

क्या हुई बातचीत

संवाददाता- पुल गिरने के बारे में आपसे सवाल पूछने हैं, क्योंकि आप टेक्निकल ऑफिसर हैं...
टेक्निकल ऑफिसर- इंवेस्टिगेशन के लिए हमारे सभी लोग साइट पर हैं...
संवाददाता- पुल गिरने की क्या वजह रही, 600 करोड़ से 1700 करोड़ इसकी लागत हो गई, उसके बावजूद कंस्ट्रक्शन क्वॉलिटी इसकी खराब थी या क्या कारण थे...
टेक्निकल ऑफिसर- नहीं, क्वालिटी की वजह से नहीं गिरता है, उसके कई और कारण होते हैं, क्वॉलिटी उस में रोज चेक होता है, रोज के हिसाब से काम होता है...
संवाददाता- इस में IIT रुड़की की एक रिपोर्ट आनी थी, उसका क्या इंतजार नहीं किया गया?
टेक्निकल ऑफिसर- IIT रुड़की की रिपोर्ट आ चुकी है...
संवाददाता- तो क्या उस रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को ध्यान में नहीं रखा जा रहा था?
टेक्निकल ऑफिसर- सुझावों को ध्यान में रखा जा रहा है...
संवाददाता- कई तरह के कंसल्टेशन दिए जा रहे थे, इंटरनेशनल कंसल्टेशन भी थे, नेशनल कंसल्टेशन भी थे... क्या वजह रही...क्यों ऐसा हुआ?
टेक्निकल ऑफिसर- पूरा काम जो होता है वो स्टैंडर्ड के हिसाब से होता है...
संवाददाता- अगर स्टैंडर्ड के हिसाब से हुआ तो दो-दो बार इस तरह की घटना कैसे हो गई?
टेक्निकल ऑफिसर- हम फाइंड आउट कर रहे हैं कि उसके कारण क्या थे...
संवाददाता- इसके फेल्योर के क्या कारण है?
टेक्निकल ऑफिसर- इसके फेल्योर के कारण को इंवेस्टिगेट कर रहे हैं हम लोग कि क्यों हुआ ऐसा...
संवाददाता- जानकारी के मुताबिक पुल के कंपलिशन का टाइम काफी पहले का था...
टेक्निकल ऑफिसर- उस में बहुत सारे कॉन्ट्रेक्चुअल पॉइंट थे, जमीन नहीं थी, पैसा नहीं था, बहुत सारे कारण हैं, टाइम बढ़ जाएगा...
संवाददाता- एक्चुअल डेट क्या थी कंपलिशन की?
टेक्निकल ऑफिसर- मुझे ये नहीं पता, प्रोजक्ट को मैं दूर से देखता हूं... आपको मेरा नंबर किसने दिया?
संवाददाता- बड़ा सवाल नंबर मिलना नहीं, बड़ा सवाल पुल गिरने का है
टेक्निकल ऑफिसर- इस प्रोजेक्ट को देखने वाले कोई और हैं, मैं इस प्रोजेक्ट को नहीं देखता
संवाददाता- आपकी कंस्ट्रक्शन कंपनी में आप टेक्निकल हेड हैं, आप ही हैंडल करते हैं और ये एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी का ही काम था बिहार में
टेक्निकल ऑफिसर- अलग-अलग प्रोजेक्ट्स बंटे हुए हैं...
संवाददाता- बिहार में क्यों हुआ, अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में तो आपने कई जगह बनाया है, लेकिन बिहार में कोई खास वजह रही है इसकी?
टेक्निकल ऑफिसर- प्रोजेक्ट तो बहुत सारे बने हुए हैं, जो चल रहे हैं, बिहार में गंगा पर एक आरा-छपरा बना हुआ है...6 साल से ऑपरेशनल है, इसी तरह का ब्रिज वो भी है...
संवाददाता- आपके हिसाब से इस प्रोजेक्ट में क्या गलती हुई?
टेक्निकल ऑफिसर- इस बारे में जांच चल रही है...
संवाददाता- जांच कब तक पूरी होगी? इसमे कितना नुकसान हुआ प्रॉपर्टी का, पैसे का...
टेक्निकल ऑफिसर- वो सब जोड़ना पड़ेगा, देखना पड़ेगा क्या क्या नुकसान हुआ है?
संवाददाता- लगभग...
टेक्निकल ऑफिसर- लगभग कैसे बताया जाए...
संवाददाता- पिछली बार कब गिरा था इसका हिस्सा, जो एक सेक्शन गिर गया था?
टेक्निकल ऑफिसर- पिछले साल अप्रैल में...
संवाददाता- जो हिस्सा गिरा था, क्या उसे दोबारा बना लिया गया है?
टेक्निकल ऑफिसर- बना रहे हैं उसे...
संवाददाता- जांच के बाद काम दोबारा कब तक शुरू करेंगे, या फिर नहीं होगा, कुछ समस्याएं हो सकती हैं?
टेक्निकल ऑफिसर- दो-तीन महीने तो लगेंगे, क्योंकि बरसात आ जाएगी, पानी आ जाएगा काफी...
संवाददाता- बिहार सरकार की तरफ से कुछ कमी रह सकती है...
टेक्निकल ऑफिसर- ये बिहार सरकार वाले ही बताएंगे...
संवाददाता- क्या आप लोगों को सरकार की तरफ से इसमे पूरा सहयोग मिला है?
टेक्निकल ऑफिसर- बिल्कुल, सहयोग को लेकर कोई समस्या नहीं है...
संवाददाता- उनकी कोई और एजेंसी भी आपके साथ काम कर रही थी?
टेक्निकल ऑफिसर- नहीं, ब्रिज तो अलग होता है, उसमे एजेंसी क्या करेगी...
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