Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल गिरने के बाद गुस्से में लोग, बोले-ब्रिज कभी बन पाएगा, नहीं पता
Bihar Bridge Collapse: पुल गिरने की घटना का साक्षी रहे राकेश कुमार ने कहा कि शुरू में ऐसा लगा कि कोई विस्फोट हुआ है। बाद में हमें पता चला कि पुल गिर गया है। यह सरकार की भ्रष्टाचार को बताता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। यह भ्रष्ट सरकार है। इसकी जांच होनी चाहिए।
Bihar Bridge Collapse: भागलपुर को खगड़िया जिले से जोड़ने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने के बाद सियासत गरमा गई है। महागठबंधन की सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निशाने पर हैं। जबकि राज्य सरकार बचाव में आ गई है। पुल के गिरने के बाद भागलपुर के लोग भी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने पूछा कि पुल के गिरने के बाद क्या सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम अपने पदों से इस्तीफा देंगे? मालवीय ने कहा कि गंगा नदी पर सुल्तानगंज एवं खगड़िया के बीच बन रहे इस पुल का उद्घाटन साल 2020 में होना था।
मालवीय ने पूछा-क्या इस्तीफा देंगे नीतीश-तेजस्वी
मालवीय ने ट्विटर पर पूछा, 'इस घटना का संज्ञान लेते हुए क्या नीतीश कुमार एवं तेजस्वी यादव तत्काल अपने पदों से इस्तीफा देंगे।' भाजपा नेता के इस हमले का जवाब देने में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने देरी नहीं की। राजद ने दावा किया कि साल 2017 से 2022 तक भाजपा नेता नंद किशोर, मंगल पांडे एवं नितिन नवीन मंत्री थे। राजद ने आरोप लगाया कि इस दौरान पुल के निर्माण में खामी बरती गई। राजद ने कहा कि 30 अप्रैल, 2022 को आई आंधी में भी पुल का एक हिस्सा गिरा था। इस दौरान भाजपा के नितिन नवीन मंत्री थे।
निरीक्षण के काम में जुटीं SDRF की बोट
पुल गिरने की घटना का साक्षी रहे राकेश कुमार ने कहा कि शुरू में ऐसा लगा कि कोई विस्फोट हुआ है। बाद में हमें पता चला कि पुल गिर गया है। यह सरकार की भ्रष्टाचार को बताता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। यह भ्रष्ट सरकार है। इसकी जांच होनी चाहिए। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी प्रमोद कुमार ने कहा, 'पुल के निर्माण के लिए किसी तरह की सामग्री उपयोग में लाई गई, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। हमें नहीं पता कि लोग कभी इस पुल का इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं।' वहीं, सुल्तानगंज एसडीआरएप के एसआई बीरेंद्र कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की चार बोट निरीक्षण के काम में जुटी हैं।
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तेजस्वी ने सरकार का बचाव किया
पुल गिरने की घटना के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आनन-फानन में प्रेसवार्ता आयोजित की। यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘आपको याद दिला दूं कि पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था। इसके बाद, हमने निर्माण मामलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया। इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं।’
पुल का एक हिस्सा पहले भी ढहा
यादव ने प्रेसवार्ता में कहा, ‘पिछले साल इस पुल का एक हिस्सा आंधी में ढह गया था। यह एक ऐसी घटना थी, जिसके बारे में व्यापक रूप से चर्चा हुई थी और मैंने विपक्ष के तत्कालीन नेता के रूप में इसे मजबूती से उठाया था। सत्ता में आने पर हमने जांच के आदेश दिए और विशेषज्ञों की राय मांगी।’
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